दिल्ली. इजरायल में बेंजामिन नेतन्‍याहू ने लगातार पांचवीं बार चुनाव जीत लिया है। भ्रष्‍टाचार के कई मामलों में आरोपों का सामने कर रहे नेतन्‍याहू की कंजरवेटिव लिकुड पार्टी ने इस चुनाव में प्रतिद्वंद्वीप ब्‍ल्‍यू एंड व्‍हाइट पार्टी को हराया। हालांकि इस चुनाव में नेतन्‍याहू की लिकुड पार्टी को विपक्ष की ओर से मिली कड़ी टक्‍कर का सामना करना पड़ा।

नेतन्‍याहू को पांचवीं बार मिली जीत के लिए अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने बधाई दी है और यह उम्‍मीद जताई कि इससे इजराइल-फलस्तीन के बीच अमेरिका की ओर से प्रस्तावित शांति योजना के लिए बेहतर अवसर मिलेगा, वहीं भारत के साथ भी उनका खासा लगाव है।

नेतन्‍याहू के कार्यकाल में भारत-इजरायल संबंधों में घनिष्‍ठता बढ़ी है। वह पिछले साल जनवरी में भारत के छह दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे, जब भारतीय उद्यमियों से मुलाकात के दौरान उन्‍होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी ‘गहरी दोस्‍ती’ का भी जिक्र किया था।

बहरहाल, इजरायल में 99 प्रतिशत मतों की गणना हो चुकी है, जिसमें नेतन्‍याहू की कंजवेटिव लिकुड पार्टी को साफ बढ़त नजर आ रही है। 120 सदस्‍यीय इजरायल की संसद (Knesset) की 65 सीटों पर लिकुड पार्टी को जीत मिलती नजर आ रही है।

प्रतिद्वंद्वी मध्‍यमार्गी ब्‍ल्‍यू एंड व्‍हाइट पार्टी ने पूर्व महासचिव बेन्‍नी गैंत्‍ज के नेतृत्‍व में पार्टी ने यह चुनाव लड़ा, जिन्‍होंने इस चुनाव में अपनी हार स्‍वीकार तो कर ली, पर यह भी कहा कि विपक्ष में रहते हुए वह लिकुड पार्टी की राह आसान नहीं बनी रहने देंगे। उन्‍होंने कहा, ‘हम इस बार नहीं जीते पर हम विपक्ष में रहते हुए लिकुड पार्टी को मनमानी नहीं करने देंगे… उसके लिए परिस्थितियां आसान नहीं रहने वाली।’

इजरायल में दोनों पार्टियों के बीच हुई कांटे की टक्‍कर में मुद्दे अमूमन उसी तरह के रहे, जैसा कि भारतीय आम चुनाव में हैं। यहां भी चुनाव में सुरक्षा एक अहम मुद्दा रहा। इजरायल की राजनीति में सक्रिय पार्टियों ने एक-दूसरे पर सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप लगाया तो विपक्षी ब्‍ल्‍यू एंड व्‍हाइट पार्टी ने नेतन्‍याहू के खिलाफ भ्रष्‍टाचार को आरापों को भी अहम मुद्दा बनाया।