पुरषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद से राजिम, छुरा और महासमुंद के लिए रोजाना 20 से भी ज्यादा मिनी बसें सवारी ढोने का काम कर रही हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर बसों का परमिट एक साल से दो साल पुराना है. ताज्जुब की बात है कि ऑनलाइन परमिट सिस्टम की मॉनिटरिंग होती है. बावजूद इसके परिवहन विभाग ने बगैर परमिट के दौड़ रही गाड़ियों को कभी रोकना भी जरूरी नहीं समझा.

शिकायत के आधार पर आज गरियाबंद सिटी कोतवाली व यतायात विभाग ने दो बसों की रैंडम जांच किया तो दोनों के पास परमिट नहीं थे. एक बस राजीम जाने के लिए तो दूसरा महासमुंद के लिए सवारी भर रही थी. सवारी उतार कर यातायात विभाग दोनों बसों को थाना कैंपस में खड़े करवा दी है.

कोतवाली प्रभारी राकेश मिश्रा ने कहा कि लाइसेंस और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की जांच चल रही है. यातायात प्रभारी अजय सिंह को लगा कि बसों के परमिट नहीं है, इसलिए दोनो को खड़े करवा दिया गया है. परमिट नहीं दिखाने पर आवश्यक कार्रवाई होगी.

आरटीओ अनजान बना, बोले दो तीन दिनों में शुरू करेंगे जांच
इन सड़कों पर 5 से भी ज्यादा कम्पनियों के मिनी बस चल रही है. रुट पर चलने वाली बसों के नम्बर पर आन लाइन पड़ताल किया गया तो 10 बस ऐसे मिली, जिनके परमिट 1 से 2 साल पहले एक्सपायर हो गई है.

आरटीओ के पोर्टल में लेप्स हो चुके परमिट स्पष्ठ दिखाई दे रहा है, लेकिन आरटीओ मृत्यंजय पटेल ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है. शिकायत मिली हुई है. दो तीन दिनों में वाहनों को रोक कर जांच करेंगे.

कम्पीटिशन में जान से खिलवाड़
बसें सवारी भरने के चक्कर में जान जोखिम में डाल कर कम्पीटिशन करते देखे जा सकते हैं. बगैर परमिट के दौडने वाली बसों के फिटनेश और अन्य आवश्यक दस्तावेज भी सही नहीं है. ऐसे में कोई अनहोनी हुई तो यात्रियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

बताया जाता है कि विभाग के मिलीभगत से टैक्स की चोरी कर यह खेल लगातार जारी है. इसलिए दफ्तर में बैठे ऑनलाइन मोनिटरिंग वाले तथ्यों को भी विभाग नकार रही है.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus