मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा लागू की गई ‘पॉजिटिव पे स्कीम’ के तहत एक जनवरी 2021 से चेक से भुगतान का तरीका बदल जाएगा. आरबीआई के गवर्नर शशिकांत दास ने बीते अगस्त में इस योजना की घोषणा करते हुए इससे उपभोक्ताओं की सुरक्षा और ठगी के मामलों में कमी की बात कही थी.
‘पॉजिटिव पे स्कीम’ में पचास हजार से अधिक के चेक भुगतान में ऑटोमेटिक फ्राड डिटेक्शन टूल है, जिसमें चेक इश्यू करने वाले के बारे में पूर्व की जानकारी के साथ क्लियरिंग के दौरान चेक में मौजूद जानकारी जैसे – चेक नंबर, चेक डेट, पे करने वाले का नाम, अकाउंट नंबर, अमाउंट और अन्य जानकारी रहेगी.
नए पॉजिटिव चेक सिस्टम में प्रमुखत: पांच बातें हैं.
1 इसमें बड़े अमाउंट वाले चेक में मौजूदा जरूरी जानकारी को फिर से चेक किया जाएगा.
2. इस प्रक्रिया में चेक जारी करने वाला चेक के बारे में निकासी वाले बैंक को इलेक्ट्रानिक तरीके से – एसएमएस, मोबाइल एप, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम के जरिए चेक से जुड़ी न्यूनतम जानकारी देगा. इसकी जानकारी को बैंक प्राप्त चेक के साथ क्रास चेक करेगा. ऐसे में चेक को लेकर जानकारी में किसी प्रकार की गड़बड़ी में तुरंत सूचना देगा, जिससे जारी करने वाले बैंक सुधार सके.
3. नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) पॉजिटिव चेक को लेकर चेक टर्नकेशन सिस्टम (CTS) में सुविधा तैयार कर बैंकों को मुहैया कराएगा, जिससे बैंक अपने ग्राहकों को 50 हजार से अधिक रकम का चेक जारी कर सकें.
4. ग्राहकों को यह सुविधा मुहैया कराने के साथ बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि 50 हजार से अधिक रकम के चेक में तमाम जानकारियां मौजूद रहे.
5. चेक में इन तमाम बातों के शामिल होने के बाद ही सीटीएस ग्रिड में विवाद की स्थिति में स्वीकार किए जाएंगे. सदस्य बैंक इसके साथ सीटीएस के बाहर जारी किए जाने वाले चेक के लिए भी ऐसी सुविधा मुहैया करेंगे.