पहलगाम आतंकी हमले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। पश्चिम बंगाल विधानसभा में बनर्जी ने इसको सुरक्षा में भारी चूक बताते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमला केंद्र की लापरवाही का नतीजा था। अबतक इस हमले से जुड़े आतंकी पकड़े नहीं गए हैं। साथ ही ममता ने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर लेने का ये अच्छा मौका था, जिसे केंद्र सरकार ने गंवा दिया। ममता ने पूछा- आतंकी हमले वाली जगह पर सुरक्षाकर्मी क्यों नदारद थे। सीएम ममता ने कहा कि मैं विदेश मंत्री की बहुत इज्जत करती हूं लेकिन मैं ये भी कहूंगी कि उनकी बातों में कई तरह की कमी पाई गई। उन्होंने कहा कि चुनाव से ठीक पहले देश में पुलवामा जैसे हमले सही नहीं हैं।
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पुलवामा का जिक्र कर उठाया सवाल
ममता बनर्जी ने 2019 के पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा कि जैसे-जैसे चुनाव करीब आते हैं, इस तरह की घटनाएं नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि अब तक कोई भी आतंकी पकड़ा नहीं गया है, ये खुफिया तंत्र की विफलता है। सीएम ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने खुफिया जानकारी होने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिस वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं।
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सशस्त्र बलों की वीरता का राजनीतिकरण करने का लगाया आरोप
ममता ने कहा कि भाजपा सशस्त्र बलों की वीरता का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रही है, भाजपा सरकार को चले जाना चाहिए क्योंकि वह देश के लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि पीएम मोदी केवल अपने बारे में विज्ञापन देने में बिजी हैं।
ममता ने कहा- आतंकवाद का कोई धर्म, जाति या पंथ नहीं होता; हम इसका समर्थन नहीं करते। आतंकवादियों को सबक सिखाने की जरूरत थी, हम सशस्त्र बलों की बहादुरी को सलाम करते हैं।
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केंद्र की नीतियों पर सवाल
ममता बनर्जी का ये बयान केंद्र और राज्य के बीच चल रही तनातनी को दिखाता है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ऐसी विफलताएं देश की एकता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। ममता बनर्जी ने साथ ही यह भी संकेत दिया कि वो भारत की विदेश नीति का सम्मान करती हैं, लेकिन केंद्र सरकार को और सक्रिय होना चाहिए था। उनके इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, क्योंकि ये केंद्र की बीजेपी सरकार पर सीधा हमला है।
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भाजपा का सवाल- प्रस्ताव में सिंदूर शब्द क्यों नहीं
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायक सदन में खड़े हो गए। सभी नारे लगाने लगे और बनर्जी पर राष्ट्रीय त्रासदी का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके कारण स्पीकर बिमान बनर्जी को हस्तक्षेप करना पड़ा। टकराव के बावजूद, सदन में व्यवस्था बहाल होने के बाद प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि पहलगाम हमले में खास तौर पर एक धार्मिक समुदाय को निशाना बनाया गया, जिसका प्रस्ताव में जिक्र नहीं किया गया। भाजपा ने सवाल उठाया कि प्रस्ताव में सिंदूर शब्द क्यों नहीं है।
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