सुप्रीम कोर्ट(Suprem Court) ने मुंद्रा बंदरगाह पर मादक पदार्थ की तस्करी के मामले में गिरफ्तार व्यवसायी हरप्रीत तलवार सिंह की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. मंगलवार, 13 मई, 2025 को सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने उसे छह महीने बाद फिर से जमानत के लिए आवेदन करने की अनुमति दी. यह मामला 21,000 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ की तस्करी से संबंधित है, जिसमें हरप्रीत तलवार सिंह, जिसे कबीर तलवार के नाम से भी जाना जाता है, को गिरफ्तार किया गया था. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने आरोपी को जमानत के लिए पुनः आवेदन करने की छूट दी है.

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पीठ ने हरप्रीत तलवार पर आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोप को अपरिपक्व करार दिया और विशेष अदालत को निर्देश दिया कि वह मामले की सुनवाई को तेजी से पूरा करने के लिए महीने में दो बार सुनवाई आयोजित करे. 23 अप्रैल, 2025 को, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा था.

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने पहले बताया था कि बिक्री से प्राप्त धन का उपयोग लश्कर-ए-तैयबा की आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण में किया गया था. इस मामले में, हरप्रीत तलवार, जो राष्ट्रीय राजधानी में कुछ क्लबों का संचालन करता था, को अगस्त 2022 में एजेंसी ने गिरफ्तार किया था.

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मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये के मादक पदार्थ की तस्करी को देश की सबसे बड़ी मादक पदार्थ तस्करी के रूप में देखा जाता है. 12 सितंबर, 2021 को अफगानिस्तान से ईरान के माध्यम से कुछ कंटेनर मुंद्रा बंदरगाह पहुंचे, जिनमें अर्ध-प्रसंस्कृत टैल्क पत्थरों से भरे बैग शामिल थे.

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राजस्व खुफिया निदेशालय ने 13 सितंबर, 2021 को खुफिया सूचनाओं के आधार पर कंटेनरों की जांच की, जिसमें कुछ बैग में हेरोइन मिली. इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप 2988.21 किलोग्राम हेरोइन बरामद की गई, जिसकी कुल कीमत 21,000 करोड़ रुपये आंकी गई. जांचकर्ताओं ने यह भी पता लगाया कि यह छठी और अंतिम खेप थी जिसे रोका गया था. इस मामले में कई लोगों, जिनमें अफगान नागरिक भी शामिल थे, को गिरफ्तार किया गया.