पुरषोत्तम पात्र, नवरंगपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पड़ोसी राज्य ओडिशा से आई इस तस्वीर को देखिए किस तरह से मृत व्यक्ति के शव को चारपाई पर लिटाकर बरसाती नाला को पार कर शव यात्रा निकाला गया. पूरा मामला ओडिशा के नवरंगपुर जिले के चंदाहांडी ब्लाक अंतर्गत चकामाल गांव की तस्वीर है.

दरअसल, शनिवार की शाम 58 वर्षीय मनीराम सुनानी का किडनी की बीमारी से मौत हो गई. परलीसीसी का भी पेशेंट था. जीते जी दो वर्ष तक शख्स को कोई मदद नहीं मिली. बीमारी से तड़प रहे इस शख्स की सरकारी योजनाओं की भी मदद नहीं मिली, जिसके अंतिम शवयात्रा की यह तस्वीर है.

ओडिशा सरकार विकास के भले दावे करती हो, लेकिन इस तरीके की तस्वीरें कई तरह के सवाल खड़े कर रही है. हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि जिस गांव की यह तस्वीर है, उस गांव से महज 15km की दूरी में पूर्व कैबिनेट मंत्री रमेशचंद्र मांझी का गृह ग्राम डांडामूड़ा है.

मांझी दो बार मंत्री और एक बार विधायक चुने जा चुके हैं. वर्तमान में उनके भाई प्रकाश मांझी विधायक हैं. उसी अंचल से ऐसी तस्वीर आना बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है. वहीं मृतक के पुत्र भुवन सुनानी ने कहा कि यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि मनुष्य के मृत होने के बाद भी उन्हें सम्मान नहीं मिल रहा है, जबकि इसी क्षेत्र में बीजेडी के निर्वाचित सांसद और विधायक रहने के बाद भी पुलिया नहीं बन सके.

इसी का खामियाजा ग्रामीण भुगत रहे हैं. मृतक के बेटे ने कहा कि हमारे पिता को अंतिम यात्रा में भी सम्मान नहीं मिला, तो वहीं मृतक की बहू गायत्री सुनानी ने बताया कि ये बहुत दुःखद बात है कि उनके ससुर को मरने के बाद भी सम्मान नहीं मिला, जबकि चुनाव के समय नेता और मंत्री आकर बड़े बड़े वादे करके जाते हैं.

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