पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में हुए भर्राशाही का असर अब स्कूलों में दिखने लगा है. स्कूलों में तालाबंदी कर कहीं प्रदर्शन शुरू तो कहीं ग्रामीण युवा संभाल रहे पढ़ाई की कमान. जिम्मेदारों पर कार्रवाई के बाद जिला प्रशासन डैमेज कंट्रोल में जुटा है, लेकिन इन सबके बीच नौनिहालों का भविष्य खतरे में है.

शिक्षा गुणवत्ता सुधार के लाख प्रयासों के बीच सत्र की शुरूआत शिक्षक पदोन्नति और फिर मनचाहे जगहों पर पोस्टिंग के नाम हुई भारी गड़बड़ी की भेंट चढ़ गया. जिला और संभाग स्तर पर वर्ग 2 -3 के पोस्टिंग में जमकर गड़बड़ी की गई. शासन से प्राप्त गाइडलाइन के मुताबिक शिक्षक विहीन और एकल शिक्षक शालाओं की सूची मांगी तो गई पर जरूरत वाले स्कूलों में पोस्टिंग नहीं हुई. जिले में आज भी 150 से ज्यादा स्कूल एक शिक्षकिय हैं, जिसमें मैनपुर में सर्वाधिक 45 प्राथमिक और 33 मिडिल स्कूल हैं.

सुविधा भोगी शिक्षकों से लेन देन

सुविधा भोगी शिक्षकों से लेन देन कर उन्हें सुनियोजित तरीके से मन पसंद स्थान दे दिया गया. लिहाजा शैक्षणिक कार्य प्रभावित तो हुआ है, लेकिन मामले के उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग की भी जम कर किरकिरी हुई है.

इस गड़बड़ी को अंजाम देने वाले सयुक्त संचालक के कुमार उनकी टीम के 6 से ज्यादा अफसर के अलवा वर्ग 3 के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी गरियाबंद को भी निलंबित कर दिया गया है, लेकिन उत्पन्न अव्यवस्था के चलते अब छात्र और पालक आंदोलन की राह पकड़ लिए हैं. पिछले दो दिनो में दो मामले सामने आए हैं.

केस-1

तालाबंद किया, नेशनल हाइवे जाम करेंगे

मैंनपुर ब्लॉक के गुढियारी प्राथमिक शाला में शिक्षक की कमी से ग्रामीणों ने जन चौपाल पहुंचकर कलेक्टर को 30 जुलाई को अवगत कराया था3. ग्रामीण तिरेश प्रधान ने कहा कि केवल आश्वासन मिलता रहा. पढ़ाई प्रभावित हो रही थी. इसलिए सोमवार से सभी एक साथ मिलकर स्कूल में ताला लगा दिए हैं. 10 अगस्त से पहले शिक्षक की व्यवस्था नहीं हुई तो ग्रामीण धुरुवागुड़ी आकर नेशनल हाइवे 130सी जाम करने का भी ऐलान कर दिया है.

केस-2

सप्ताह भर का मियाद मिला,तब खोला तालामंगलवार को फिंगेश्वर के तर्रा प्राथमिक स्कूल के छात्रों ने स्कूल के मुख्य द्वार पर ताला जड़ कर प्रदर्शन शुरू कर दिया. 5 कक्षाओं में अध्ययनरत 56 बच्चे एक शिक्षक के भरोसे थे. सुबह से तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया तो बीईओ पहुंच कर शिक्षक की व्यवस्था किया. सप्ताह भर के भीतर समस्या का स्थाई समाधान करने का भरोसा दिलाया, तब जा कर मामला शांत हुआ.

केस-3

प्रशासन की अनदेखी, गांव के युवकों ने उठाया बीड़ा

पिछले दो साल से शिक्षक की मांग करके थक चुके कोयबा के ग्रामीणों ने अपनी समस्या का खुद समाधान निकाल लिया है. आदिवासी ब्लॉक मैनपुर में आदिवासी बाहुल्य कोयबा की सरपंच बेलमती बाई ने बताया की गांव में प्राथमिक और मिडिल स्कूल में एक एक शिक्षक है. बच्चों की संख्या 80 है. दो स्कूल में दो शिक्षको का भार से अध्यापन कार्य पूरी तरह ठप है.

दो साल में हर उस जगह पर आवेदन दिया गया. जंहा शिक्षक मिलने की उम्मीद थी, लेकिन अब थक चुके हैं. ऐसे में गांव के पढ़े लिखे दो युवक रोशन मंडावी और श्रवन नेताम शाम को रोजाना दो घरों में अतिरिक्त कक्षा का संचालन कर पढ़ाई करवा रहे हैं. समय पर व नियमित रूप से शिक्षकों के नहीं आने से प्रभावित अध्यापन से गिरते शिक्षा के स्तर का हल ग्रामीणों ने खुद ढूंढ निकाला है.

संयुक्त कलेक्टर को कमान,सुधार पर काम शुरू

शिक्षा विभाग में किरकिरी के बाद , डीईओ डी एस चौहान के निलंबन के बाद आज प्रभार सयुक्त कलेक्टर नवीन भगत को सौप दिया है. प्रशासन ने जरूरतमंद स्कूलों की सूची बनाना शुरू कर दिया है. दावा भी किया जा रहा है कि एक सप्ताह के भीतर ज्यादातर समस्याएं सुधार लिए जाएंगे. प्रभारी अधिकारी नवीन भगत ने कहा कि काम जारी है. जल्द ही शिक्षको की व्यवस्था सभी जगह कर दी जाएगी.

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