FY23 GST Evasion 1.36 Crore: जीएसटी चोरी रोकने के लिए वित्त मंत्रालय काफी सख्त है. व्यापारी बिल बनाने समेत अन्य तरीकों से जीएसटी की चोरी करते पाए गए हैं. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष में 1.36 लाख करोड़ रुपये की चोरी पकड़ी गई है. वहीं, 2023 के पहले छह महीनों के भीतर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कर चोरी के मामलों की पहचान की गई है, जो पिछले वर्ष के आंकड़ों से अधिक है.

वित्त मंत्रालय ने खुलासा किया है कि जीएसटी खुफिया अधिकारियों ने चालू वित्त वर्ष के दौरान कुल 1.36 लाख करोड़ रुपये की चौंकाने वाली जीएसटी चोरी का खुलासा किया है. मंत्रालय ने एक बयान जारी कर इस खतरे से निपटने के लिए कठोर प्रयासों पर प्रकाश डाला. जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) कर चोरी का पता लगाने के लिए उन्नत डेटा एनालिटिक्स टूल का उपयोग कर रहा है.

जीएसटी अधिकारियों ने पिछले साल के आंकड़ों को पार करते हुए इस वित्तीय वर्ष 2023 के पहले छह महीनों के भीतर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की चोरी के मामलों की पहचान की है.

91 धोखेबाज गिरफ्तार (FY23 GST Evasion 1.36 Crore)

मंत्रालय ने कहा कि कुल मिलाकर, वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी चोरी (फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट या आईटीसी सहित) 1.36 लाख करोड़ रुपये का पता चला है. स्थिति में सुधार के लिए 14,108 करोड़ रुपये का स्वैच्छिक भुगतान किया गया है. आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान धोखाधड़ी वाले आईटीसी के कुल 1,040 मामले सामने आए हैं, जिसमें 14,000 करोड़ रुपये की चौंका देने वाली राशि शामिल है, जिसमें अब तक 91 धोखेबाजों को गिरफ्तार किया गया है.

अप्रैल 2020 और सितंबर 2023 के बीच की अवधि के दौरान कर चोरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा नकली इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईसीटी) के रूप में पाया गया था. जीएसटी खुफिया अधिकारियों ने इन मामलों में 57,000 करोड़ रुपये की कर चोरी की पहचान की थी. मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल 2020 से सितंबर 2023 तक 6,000 से अधिक फर्जी आईटीसी मामलों का पता चला है, जिसमें 57,000 करोड़ रुपये से अधिक की जीएसटी चोरी शामिल है. इसमें कुल 500 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

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