रायपुर. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी राष्ट्रीय कृषि मेले में भाग लेने रायपुर पहुंचे. उनके साथ भाजपा नेता सौदान सिंह, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक, रामप्रताप सिंह, रमशीला साहू और सुनील सोनी मौजूद थे. गडकरी ने कहा कि इस कृषि मेले के जरिये किसानों को नई दिशा देने की कोशिश की गई है. कृषि मेलों से किसानों को फायदा होता है.
मेले में पहुंचे गडकरी ने कहा कि महाराष्ट्र में दूध की योजनाएं फेल होने के बाद हमने जिम्मा मदर डेयरी को दिया और अब स्थिति बेहतर है. जिस दिन दूध का कलेक्शन 25 लाख लीटर हो जाएगा विदर्भ का एक भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि धान का उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन किसानों को चावल का वाजिब मूल्य मिलना जरूरी है, चावल की कीमत मिट्टी से भी कम है. कमोबेश यही हालात गेहूं और दाल की भी है. चावल, गेंहू, चीनी और सोयाबीन की कीमत तय करना किसी देश का अधिकार नहीं रह गया है. विदेशों में तय होने लगा है. जैसे चीनी की कीमत ब्राजील तय करता है क्योंकि सबसे ज्यादा चीनी का उत्पादन वही करता है. आज 70 प्रतिशत खाद्य तेल हम आयात करते हैं, खाद्य तेल का दाम मलेशिया तय करता है.
किसानों को भरोसा दिलाते हुए गडकरी ने कहा कि किसानों को उत्पादन बढ़ाने के लिए हम नई टेक्नॉलाजी ला रहे हैं, जिससे फसल का उत्पादन बढ़ा भी है लेकिन आज सबसे बड़ा सवाल यही है कि उत्पादन तो बढ़ा है लेकिन किसानों को उसका उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिस पर हमें काम करना होगा. सरकार की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत सरकार किसानों को ये यकीन दिलाना चाहती है कि आज हालात बदलना जरूरी है और इसके लिए कदम उठाए जा रहै हैं.
भारत के किसान डीजल पेट्रोल का विकल्प तैयार कर सकते हैं. सेकंड जेनेरेशन इथनॉल में काम किया जा रहा है, पैरा से इथनॉल बनाया जाएगा. भारत का किसान अब खुद का बनाया हुआ इथनॉल बाइक, कार और बसों में इस्तेमाल कर सकता है. छत्तीसगढ़ की पूरी बसें इथनॉल से चल सकती हैं. किसानों को भी पैरा का उचित दाम मिल जाएगा, लोगों को रोजगार मिलेगा, इथनॉल का दाम पेट्रोल और डीजल से कम होता है. उन्होंने टीवीएस और बजाज का जिक्नेर करते हुए कहा कि ये फ्लेक्स इंजन पर बाइक बना रही हैं, इसमें इथनॉल का इस्तेमाल हो सकता है, 7 लाख करोड़ रुपये का आयात कर रहे हैं, 2 लाख करोड़ रुपये का भी इथनॉल खुद बनाया जाए तो छत्तीसगढ़ आने वाले दिनों में धान के कटोरे से इथनॉल का कटोरा बन जायेगा. उन्होंने कहा कि पैरा से सीएनजी बनाया जा सकता है. छत्तीसगढ़ में कोयला पर्याप्त है. कोयले से मिथनॉल बनता है. मिथनॉल से प्रदूषण नहीं होता, इससे गाड़ियां चलाई जा सकती हैं, जल्द ही हमारा विभाग पानी पर मिथनॉल से जहाज चलाने वाला है.
छत्तीसगढ़ का जिक्र करते हुए गडकरी ने कहा कि यहां जो भी आता था छत्तीसगढ़ में पावर प्लांट डालता था, अब उनके 12 बज चुके हैं. सबसे खराब कोयले से मिथनॉल बनता है. अगर यहां मिथनॉल बने तो गैस सिलेंडर 200 रुपये प्रति सिलेंडर कम हो जाएगा. बिजली पर गाड़ियां चलेगी. जल्द ही बिजली से चलने वाली बाइक लांच कर रहे हैं. इलेक्ट्रिक और इथनॉल बस शुरू हो चुकी है. जिस पर 50 रुपये प्रति किमी खर्चा पड़ता है जो डीजल-पेट्रोल से कम है. छत्तीसगढ़ में भी ऐसे प्रयोग किया जा सकता है.
गडकरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में राइस पैरा और भूसी पर रिसर्च के लिए सरकार को एक इंस्टिट्यूट डालना चाहिए. बाल से एमिनो एसिड बनाने का काम शुरू किया गया. जिसका आज करोड़ों का कारोबार है. यूरिन बैंक कर बायो फर्टिलाइजर में डालने का काम शुरू कर दिया है. 70 प्रतिशत यूरिया का काम करेगा. देशभर में अगर ये प्रयोग हुआ तो 45 हजार करोड़ की सब्सिडी बच जाएगी.
पानी की समस्या पर बात करते हुए गडकरी ने कहा कि ये देश की समस्या नहीं है, कुछ राज्यों की समस्या है. इन राज्यों से समुंदर में जो पानी जा रहा है उसे रोकने की जरूरत है. इसके लिए वर्ल्ड बैंक से हमारी सरकार लोन दिलाएगी. ट्वालेट का पानी बेचकर हमने 78 करोड़ कमाया है. एमपी में कृषि विकास दर 23 प्रतिशत है क्योंकि उन्होंने वॉटर मैनेजमेंट का काम किया है. छत्तीसगढ़ में भी इस तरह के काम की और जरूरत है.
ऑर्गेनिक खेती पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है. छत्तीसगढ़ में खाली लैंड में बांस लगाने चाहिए. सिल्क और बांस मिलाकर अलग-अलग कपड़े बनाये जाने चाहिए साथ ही मधु बनाने और निर्यात करने की जरूरत है. जिससे राज्य की आय में इजाफा होगा.