एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल (E20 Petrol) को लेकर खूब चर्चा हो रही है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इसके प्रचार में निजी लाभ के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा, मेरा दिमाग की ही कीमत हर महीने 200 करोड़ की है। मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं है और मैं कभी नीचे नहीं गिर सकता हूं। उन्होंने कहा कि वह जो कुछ भी करना चाहते हैं वह किसानों के हित के लिए है। इसका कमाई से कोई लेना-देना नहीं है।
नागपुर में एग्रीकोज वेलफेयर सोसाइटी के एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा, आपको क्या लगता है कि ये सब मैं पैसे के लिए कर रहा हूं? मैं कोई दलाल नहीं हूं, ईमानदारी से कमाना जानता हूं। उन्होंने कहा, बहुत सारे राजनेता लोगों को लड़ाकर खुद फायदा उठाना जानते हैं, लेकिन हम उनमें नहीं हैं।
गडकरी ने कहा, मेरा भी घर-परिवार है। मैं कोई संत नहीं हूं। मुझे हमेशा लगता है कि विदर्भ में 10 हजार किसानों की आत्महत्या शर्म की बात है। जब तक कि हमारे किसान समृद्ध नहीं हो जाते, हम अपने प्रयास कम नहीं करेंगे। गडकरी ने अपने बेटे की कंपनी को लेकर कहा कि वह केवल आइडिया देने का काम करते हैं। उन्होंने कहा, मेरा बेटा इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस करता है। उसने हाल ही में ईरान से 800 कंटेनर सेब ऑर्डर किए और यहां से 100 कंटेनर केले भेज दिए।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की है याचिका
केंद्रीय परिवहन मंत्री की यह टिप्पणी बीते 1 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी पेट्रोल पंपों पर एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल को अनिवार्य करने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज किए जाने के बाद आई है. इसमें याचिकाकर्ता अक्षय मल्होत्रा ने वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत के माध्यम से तर्क दिया था कि यह एथेनॉल ब्लेंड के खिलाफ नहीं, बल्कि उपभोक्ता की पसंद को सुरक्षित रखने और उन्हें विकल्प मुहैया कराने के बारे में है.
याचिका में कहा गया कि सिर्फ अप्रैल 2023 के बाद बने वाहन ही E20 पेट्रोल के अनुकूल हैं, जबकि जबकि पुराने मॉडल के लिए जोखिम है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज किया और अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि यह मुकदमेबाजी भारत के स्वच्छ ईंधन परिवर्तन को पटरी से उतारने के लिए निहित स्वार्थों द्वारा किया गया प्रयास है.
पेट्रोल का सस्ता विकल्प एथेनॉल
गौरतलब है कि सरकार ने एथेनॉल को पेट्रोल का एक स्वच्छ और सस्ता विकल्प बताया है और 20% एथेनॉल ब्लेंड पेट्रोल (E20) शुरू किया है. इस कार्यक्रम को लेकर जहां कार्बन उत्सर्जन और कच्चे तेल के आयात को कम करने की दिशा में एक कदम के रूप में सराहना की जा रही है, तो वहीं ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे वाहनों की दक्षता प्रभावित हो सकती है. आलोचकों ने वाहन सुरक्षा के मुद्दों के साथ सरकार की इस मंशा पर सवाल उठाए हैं.
इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल की कीमत क्या है?
हालांकि, तेल मंत्रालय का कहना है कि इथेनॉल अब पेट्रोल से भी महंगा है, जिसकी कीमत 71.32 रुपये प्रति लीटर है, जिससे भारत में इथेनॉल-मिश्रित ईंधन की लागत और दक्षता प्रभावित हो रही है।
एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल सुरक्षित
इससे पहले एथेनॉल ब्लेंड फ्यूल के इस्तेमाल से वाहनों के माइलेज और परफॉर्मेंस कम होने से जुड़े आरोपों और सवालों को नितिन गडकरी ने राजनीति से प्रेरित एक पेड कैंपेन करार दिया था. दिल्ली में SIAM के 65वें वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि वह सोशल मीडिया पर पेड पॉलिटिकल कैपेंन का शिकार हुए हैं. E20 पेट्रोल, जिसमें पारंपरिक फ्यूल के साथ 20% एथेनॉल मिलाया जाता है, को लेकर ऑनलाइन चिंताएं बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जा रही हैं. उन्होंने कहा था कि यह ईंधन सुरक्षित है और नियामकों और ऑटोमोबाइल निर्माताओं, दोनों द्वारा समर्थित है.
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