रायपुर। गांधी परिवार से एक और शख्स की राजनीति में इंट्री हो गई है. कांग्रेस ने प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी का नया महासचिव बनाया है और उन्हें पूर्वी यूपी की जिम्मेदारी है. प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने के साथ ही देश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है. भाजपा ने एक बार फिर कांग्रेस पर तीखा हमला किया है. उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है.

वहीं आम आदमी पार्टी की विधायक नेता अलका लांबा ने भाजपा को करारा जवाब दिया है. अलका लांबा ने एक के बाद एक कई ट्वीट किया. उन्होंने एक ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि राहुल गांधी ने स्वयं ही प्रियंका को नियुक्त करके उस बात को गलत साबित कर दिया है जिसमें कहा जाता था कि  प्रियंका के सक्रिय राजनीति में आने से कहीं राहुल गांधी को नुक्सान ना हो जाए क्योंकि सियासी हलकों में एक बात ये भी कही जाती रही कि प्रियंका को आगे ना बढ़ाए जाने के पीछे एक वजह ये भी थी. अलका ने लिखा, “और वो बात आज ने स्वयं ही प्रियंका को नियुक्त करके गलत साबित कर दी, फायदा/ नुक़सान तो अब समय ही बताइयेगा. मुझे लगता है UP में लाभ होगा. वरुण गांघी भी अगर आ गया तो खेल ही पलट सकता है.”

प्रियंका को पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाए जाने को लेकर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. पूर्वी यूपी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकसभा सीट बनारस भी आती है. अलका लांबा अपने अगले ट्वीट में भाजपा प्रवक्ताओं के बयान पर तीखा हमला बोला है. वे कहती हैं, “भाजपा प्रवक्ताओं के बयानों से लग रहा है कि जैसे काँग्रेस द्वारा चुनावों से एक दम पहले प्रियंका नामक छोड़ा गया तीर बिल्कुल 56” के सीने पर जा लगा हो। मोदी vs प्रियंका ? ”


अलका लांबा ने अपने अगले ट्वीट में प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने पर स्वागत किया है. उन्होंने लिखा कि राजनीति में बड़े बदलाव की आवश्यकता है और महिलाओं के राजनीति में आने से आधी आबादी को ताकत मिलेगी. उन्होंने ट्वीट किया, “युवा हिंदुस्तान की राजनीति को एक बड़े बदलाव की जरूरत है,ऐसे में अगर नए युवा चेहरे सामने आते हैं,तो उनका स्वागत किया जाना चाहिये,और अगर वो महिला हो,तो संस्कारों/भाषा का ध्यान रखते हुए और भी बड़ा स्वागत किया जाना चाहिये। महिलाओं के सक्रिय राजनीति में आने से आधी आबादी को ताकत मिलेगी.”

अलका लांबा ने अपने अगले ट्वीट में एक बार फिर संघ परिवार पर करारा प्रहार किया है. लांबा ने ट्वीट कर गांधी परिवारवाद को संघ परिवार से बेहतर बताया है. उन्होंने संघ परिवार को अंग्रेजों के सामने झुकने वाला तो गांधी परिवार को अंग्रेजों से डटकर मुकाबला करने वाला बताया, उन्होंने ट्वीट किया, “कम से कम परिवार से बेहतर है यह . पहला अंग्रेजों के सामने झुक गया, दूसरा अंग्रेजों के सामने आज़ादी मिलने तक डटा रहा। पहले ने बलि लीं , दूसरे ने कुर्बानियां दीं. पहले का देश के लिये कोई योगदान नहीं, दूसरे का देश आज भी लोहा(इंदिरा)मानता है. 


अलका लांबा यहीं नहीं रुकी अबकी बार उन्होंने लिखा जनता जानती है कि कौन बेहतर है परिवार या फिर तड़ीपार. अलका ने ट्वीट किया, “राजनैतिक दल गुंडों,बदमाशों, हत्यारों, बलात्कारियों को टिकट देते हैं, जनता वोट देकर जीता भी देती है, अगर किसी को एक परिवार से इतनी ही परेशानी है तो लोकतंत्र पर यकीन रखें, जनता खुद फ़ैसला करती आई है और आगे भी करेगी. जनता जानती है कि कौन बेहतर है , या फिर

अलका लांबा के लगातार एक के बाद एक ट्वीट से माना जा रहा है कि वे जल्दी ही आप का दामन छोड़कर कांग्रेस का हाथ फिर से थाम सकती हैं. आप में जाने से पहले अलका लांबा कांग्रेस में थीं. हाल ही में दिल्ली विधानसभा में पार्टी द्वारा पूर्व पीएम राजीव गांधी को दिये गए भारत रत्न सम्मान को वापस लेने के प्रस्ताव पर असहमति जताई थी और खुलकर पार्टी के विरोध में सामने आ गई थी. उनके विरोध में आने के बाद उन पर पार्टी द्वारा कार्रवाई किये जाने की भी बातें सामने आते रही थी.