पटना। राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान में स्थापित दुनिया की सबसे ऊंची कांस्य प्रतिमा के निर्माता, देश के प्रख्यात मूर्तिकार रामसुतार का निधन हो गया। उन्होंने
100 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से कला जगत के साथ-साथ देश ने एक महान शिल्पकार को खो दिया है।

भव्य कांस्य प्रतिमा 72 फीट ऊंची

पटना के गांधी मैदान में स्थापित महात्मा गांधी की यह भव्य कांस्य प्रतिमा 72 फीट ऊंची है, जबकि इसका आधार 24 फीट का है। इस प्रतिमा के मुख्य डिजाइनर रामसुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार रहे। प्रतिमा का अनावरण 15 फरवरी 2013 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों से गहराई से प्रभावित रहे हैं। इसी प्रेरणा से उन्होंने बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू की, सरकारी कार्यालयों में गांधी के सात सामाजिक पापों को प्रदर्शित करवाया और गांधी की भव्य मूर्ति की स्थापना कराई।

जानें कब हुआ था जन्म

रामसुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदुर गांव में हुआ था। उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित जे.जे. कॉलेज ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्हें उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक भी मिला।

प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का निर्माण किया

रामसुतार ने देश की कई ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का निर्माण किया। संसद परिसर में ध्यानमग्न मुद्रा में गांधी की प्रतिमा, घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा और गुजरात में स्थित विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, जो देश के प्रथम उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित है, उनकी प्रमुख कृतियों में शामिल हैं। उनकी कला के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। रामसुतार के निधन पर बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर के महान मूर्तिकार थे और पटना की गांधी प्रतिमा उनकी कालजयी कृति है। उनके निधन से देश और दुनिया ने एक अद्वितीय कलाकार खो दिया है।