रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ से लगे ओडिशा के सुंदरगढ़ में कोल वाशरी में कब्जे को लेकर दो कोयला व्यवसायी आमने-समाने आ गए। मामला सुंदरगढ़ जिला अंतर्गत हिमगिर के कोलमाइंस क्षेत्र का है, जहां कब्जे को ​लेकर दो कारोबारी गुटों के बीच मारपीट, आगजनी, तोड़फोड़ के साथ कई राउंड फायरिंग हुई। वहीं अब इस मामले में पवन शर्मा ने पुलिस की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े किए है।

पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल

पवन शर्मा ने कहा कि भाटिया एनर्जी को लीज में के लिए बकायदा पुलिस में जानकारी दी गई सभी दस्तावेज भी उपलब्ध कराए। इस दौरान पुलिस ने हमें प्रोटेक्शन भी दिया था। इसके बावजूद हमारे खिलाफ एफआईआर दर्ज करना समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि हमने कोई अपराध नहीं किया है तो एफआईआर भी शून्य होनी चाहिए।

लीज देने को लेकर हुआ गैंगवार

पवन शर्मा ने बताया कि कोल वाशरी में पवन शर्मा और रवि गुप्ता की 73 फीसदी की हिस्सेदारी है। वहीं भरत अग्रवाल की 27 फीसदी की हिस्सेदारी है। पवन शर्मा ने भाटिया एनर्जी कोल वाशरी को आञ्जनेय कोल जंक्शन को 5 साल के लिए लीज में देने के लिए एग्रीमेंट किया। इसकी जानकारी विधिवत पुलिस को भी दी गई साथ ही पुलिस प्रोटेक्शन के साथ लीज में देने की प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच 35 से 40 गाड़ियों में भरकर लड़के पहुंचे और उन्होंने मारपीट शुरू कर दी। गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की साथ ही फायरिंग भी की। इसके अलावा कोल वाशरी में मौजूद 2 लोगों को उठाकर अपने साथ रायगढ़ ले गए।

ये है विवाद का कारण

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जानकारी के मुताबिक लंबे अर्से से रायगढ़ के दोनों कोल कारोबारियों के बीच ओडिशा के सुन्दरगढ़ जिले में आने वाले गर्जना बहाल में स्थित कोलवाशरी के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद के परिणामस्वरूप रायगढ़ के ही एक गुट ने कोलवाशरी में कब्जा जमाकर ताला बंद कर दिया था। जानकारी मिलने के बाद रायगढ़ के ही दूसरे गुट के लोग वाहनों में हथियारों से लैस होकर ओडिशा स्थित कोल वाशरी पहुंच गए, जहां ओडिशा के गुर्गों के सहारे एक गुट ने पहले से ही वाशरी पर कब्जा जमा रखा था। आमने-सामने होने के बाद दोनों ही गुटों में मारपीट, तोड़फोड़ और फायरिंग की घटना हुई। इस पूरी वारदात में सात लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी है। सभी घायलों में दो को रायगढ़ के ही एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। सुंदरगढ़ एसपी ने इस मामले की जांच के लिए 15 पुलिस अफसर-कर्मचारियों की एसटीएफ बना दी है, जो छत्तीसगढ़ में भी गिरफ्तारियां करेगी।

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दूसरे पक्ष पर भी एफआईआर

​हिमगिर थाना क्षेत्र में कोल वाशरी में कब्जे को लेकर दो गुटों में संघर्ष को लेकर दूसरा पहलू समाने आया है। इस मामले में अब हिमगिर पुलिस ने नामजद आरोपियों सहित करीब 40-50 अन्य लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर मामले को विवेचना में लिया है। इसके पहले हिमगिर पुलिस ने एक पक्ष की रिपोर्ट पर करीब डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें न्यायालय से जमानत दे दी गई थी। अब दूसरे पक्ष की रिपोर्ट के बाद मामले से जुड़े नामजद आरोपियों सहित अन्य लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं।

गोलीबारी की बात अफवाह : पुलिस

घटना के दिन कोल वाशरी में गोली चलने की अफवाह उड़ी थी,हिमगिरी पुलिस ने इसे एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि घटना के दौरान किसी भी तरह की गोलीबारी नहीं हुई थी। आगजनी के कारण वाहनों के टायर फटने की आवाज को गोलीबारी होने की अफवाह उड़ाई गई थी, घटनास्थल से ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं, जिससे गोलीबारी की पुष्टि हो सके। फिर भी पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।