Gangaur Vrat 2025: गणगौर व्रत होली के दूसरे दिन से शुरू होता है और 16 दिन तक चलता है. यह पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया (गौरी तीज) को संपन्न होता है. इस वर्ष गणगौर व्रत 17 मार्च से 31 मार्च 2025 तक मनाया गया.
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गणगौर व्रत का महत्व (Gangaur Vrat 2025)
गणगौर व्रत का मुख्य उद्देश्य दांपत्य जीवन में खुशहाली लाना और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति करना है. यह व्रत माता पार्वती (गौरी) और भगवान शिव (गौर) से संबंधित है. सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी कन्याएं इच्छित वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं.
Gangaur Vrat राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है. जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और नाथद्वारा में इस अवसर पर भव्य गणगौर मेले भी लगते हैं.
गणगौर व्रत कैसे किया जाता है? (Gangaur Vrat 2025)
- मिट्टी या लकड़ी से गौरी-शंकर की मूर्ति बनाई जाती है.
- प्रतिदिन सुबह और शाम गौरी माता की पूजा की जाती है.
- 16 दिन तक पानी से भरे कलश और दूब-फूल अर्पित किए जाते हैं.
- अंतिम दिन गणगौर विसर्जन के साथ व्रत का समापन होता है.
- गौरी माता की सवारी निकाली जाती है, जिसमें महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में शामिल होती हैं.
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