धमतरी। ग्राम सभा गंगरेल को दिया गया सामुदायिक वन अधिकार प्रमाण पत्र को आज जिला स्तरीय वन अधिकार समिति की बैठक में तकनीकी तौर पर त्रुटि होने की वजह से निरस्त करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य की अध्यक्षता में दोपहर 12 बजे से कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आहूत इस बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अब चूंकि वन अधिकार प्रमाण पत्र निरस्त किया गया है, इसलिए कोई भी नवीन संरचना का निर्माण वहां नहीं किया जाएगा ना ही अतिक्रमण किया जाएगा।

कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जेपी मौर्य ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी को गंगरेल में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने और इस पर निगाह रखने के लिए नियंत्रण गकी जिम्मेदारी सौंपी है। बैठक में बताया गया कि चूंकि गंगरेल बांध बनने के वक्त वन विभाग द्वारा भू प्रवेश के लिए जल संसाधन विभाग को भूमि अस्थाई रूप से हस्तांतरित की गई थी। अतः तकनीकी तौर पर उस भूमि में वन अधिकार प्रमाण पत्र ग्राम सभा को जारी नहीं किया जा सकता। इसके अलावा वन अधिकार प्रमाण पत्र के लिए स्थल सत्यापन संरक्षित और आरक्षित वन के क्षेत्र क्रमांक 191 का किया गया, किन्तु सामुदायिक वन अधिकार पत्र क्षेत्र क्रमांक 190 को जारी किया गया। दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि जब ग्राम सभा की बैठक इस संबंध में आहूत की गई उस बैठक की कार्रवाई में 1/3 ग्राम सभा के सदस्यों की उपस्थिति नहीं थी।

इसके मद्देनजर आज की बैठक में ग्राम सभा गंगरेल को जारी सामुदायिक वन अधिकार पत्र को निरस्त करने का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया। इस मौके पर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जब भी भविष्य में जलसंसाधन विभाग द्वारा वन विभाग को भूमि हस्तांतरित की जाएगी, तब उस पर पुनः सामुदायिक वन अधिकार प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया जा सकता है। बैठक में समिति के सदस्य के रूप में जिला पंचायत सदस्य मनोज साक्षी, कुसुम लता साहू, वनमण्डलाधिकारी अमिताभ बाजपेई, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व धमतरी मनीष मिश्रा, सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास विभाग डॉ.रेशमा खान सहित अन्य सदस्य एवं अधिकारी उपस्थित रहे।