कुमार इंदर, जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन के अवसर पर एक बहन अपने भाई को राखी बांधने के बहाने गांजा पिलाने पहुंची हुई थी, महिला ने गांजा अपने सर के जुड़े में छुपा कर लाया था। जेल में तैनात महिला सुरक्षाकर्मियों ने जब महिला की बारीकी से चेकिंग की तो उसके बालों के जुड़े में एक पॉलिथीन के अंदर गांजा छुपा हुआ रखा हुआ था, जब जेल में तैनात महिला सुरक्षाकर्मियों ने महिला को वापस जाने के लिए कहा तो महिला टशन दिखाने लगी, जिसके बाद महिला को वहां से बाहर निकाला गया।
भारी भरकम रकम और तंबाकू, बीड़ी लेकर पहुंची बहनें
अक्सर यह होता है कि रक्षाबंधन के दिन भाई अपनी बहनों को गिफ्ट देते हैं लेकिन,केंद्रीय जेल में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने पहुंची बहने अपने भाइयों को उल्टे पैसे देने के लिए पहुंची थी। चेकिंग के दौरान कई बहनों के पास 5-5 हजार रूपए निकले। कई महिला के पास तो उससे भी ज्यादा की रकम बरामद हुई। कुछ बहनें तो जेल में बंद अपने अपने भाइयों के लिए तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी लेकर भी पहुंची हुई थी। जिन्हें बाहर जमा कराने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी गई।
दो साल बाद जेल में मना रक्षाबंधन
जबलपुर की सेंट्रल जेल में कोरोना के चलते पूरे 2 साल के बाद बहनों को अपने भाई की कलाई में राखी बांधने का मौका मिला हैं। कोरोना के बादल छटने के बाद जेल में एक बार फिर से रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा हैं। कोरोना के कम केस को देखते हुए जेल प्रबंधन ने जेल में बंद कैदी भाइयों को राखी बांधने की इजाजत दी। जिसके बाद आज बड़ी संख्या करीब 4 सौ से अधिक बहनें नेताजी सुभाष चंद्र सेंट्रल जेल पहुंची। जहां बहनों ने अपने भाइयों की सुनी कलाई पर राखी बांधी। तो कहीं कुछ बहने अपने भाई को देखते ही रो पड़ी। इस दौरान महिलाओं ने अपनी भाई की सलामती की आरती उतारकर उनका हालचाल भी जाना। कलाई में राखी बंधते ही भाई बहनों के आंख से आंसू छलक उठे।
सिर्फ राखी ले जाने की इजाजत
जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर के मुताबिक बहनों को सेंट्रल जेल के अंदर प्रवेश करने के दौरान सिर्फ राखी ले जाने की अनुमति दी जा रही है। वहीं जेल परिसर की कैंटीन में मिठाई कुमकुम से लेकर अन्य चीजों की व्यवस्था भी की गई है। बहनों को मोबाइल, पर्स आदि किसी भी अन्य सामग्री ले जाने की अनुमति नहीं है। वहीं 2 बजे तक बहनों को अपने भाइयों को राखी बांधने दिया जा रहा है। साथ ही कुछ बहन यदि समय के अभाव में राखी नही बांध पाती है। तो उन्हें शाम को भी मौका दे दिया जाएगा।
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