शमी का पौधा भारत में एक लोकप्रिय पौधा है, हिंदू धर्म में इस पौधे का विशेष महत्व है. घर में शमी का पौधा लगाने का विशेष महत्व माना जाता है. इस पौधे को सुख शांति और समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है. जिसके चलते ज्यादातर घरों में शमी का पौधा देखने को मिलता है. लेकिन अब गर्मियों का मौसम शुरू हो चुका है. शमी के पौधे की पत्तियां बहुत ही कोमल होती है. जिस वजह से इस मौसम में शमी के पौधे की देखभाल करना थोड़ा सा मुश्किल हो जाता है. ऐसे में अगर आपने भी अपने घर में शमी का पौधा लगाया है और गर्मी आते ही वह मुरझाने लगा है तो चिंता की कोई बात नहीं है. कुछ बातों को ध्यान में रखकर और कुछ मामूली काम को करके आप अपने शमी के पौधे को गर्मी के मौसम में भी हरा भरा रख सकते हैं. इसी के साथ चलिए जान लेते हैं कि गर्मी के मौसम में आपको शमी के पौधे की किस तरह देखभाल करनी चाहिए.

तेज धुप में न रखें

शमी का पौधा सूखे और तेज धूप को सहन करने में सक्षम है, लेकिन अत्यधिक गर्मी से इसे नुकसान हो सकता है. यदि आपका शमी का पौधा सीधी धूप में रखा है, तो गमले को थोड़ी छाया में रख दें. सुबह की हल्की धूप पौधे के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन दोपहर की तेज धूप से बचाना चाहिए. आप छाया के लिए नेट का उपयोग कर सकते हैं या पौधे को पेड़ के नीचे रख सकते हैं. Read More – Navjot Singh Sidhu ने सोशल मीडिया में शेयर किया पोस्ट, कैंसर से जूझ रही पत्नी की सेहत को लेकर दी जानकारी …

कब और कितनी डालें डालें

गर्मी का मौसम शमी के पौधे के लिए मुश्किल हो सकता है, क्योंकि तेज धूप और गर्मी से पौधा मुरझा सकता है. नियमित रूप से खाद देकर आप पौधे को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकते हैं और उसे स्वस्थ रख सकते हैं. शमी का पौधा एक मजबूत और सहनशील पौधा है, लेकिन उसे स्वस्थ और हरा-भरा रहने के लिए संतुलित खाद की आवश्यकता होती है. वसंत ऋतु और मानसून ऋतु शमी के पौधे में खाद डालने का सबसे अच्छा समय होता है. इन मौसमों में मौसम सुहावना होता है और पौधे की वृद्धि अच्छी होती है. शमी के पौधे के लिए जैविक खाद सबसे अच्छी होती है. आप गोबर की खाद, कम्पोस्ट, नीम की खली या मूंगफली की खली का उपयोग कर सकते हैं. Read More – फिल्मों की असफलता को लेकर Kriti Sanon ने किया खुलासा, कहा – अब कोई फर्क नहीं पड़ता …

कब और कितना डालें पानी

शमी के पौधे को अधिक पानी देने से बचना चाहिए. यह पौधा सूखे के प्रति सहनशील होता है और अत्यधिक पानी से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि आप इसे कभी पानी न दें. मिट्टी को समय-समय पर चेक करते रहना और हल्की नमी बनाए रखना महत्वपूर्ण है. पानी देने से पहले अपनी उंगली मिट्टी में 1-2 इंच गहरा डालकर मिट्टी की नमी की जांच करें. यदि मिट्टी सूखी है तो पानी दें. यदि मिट्टी गीली है तो पानी देने से बचें. अगर बात करें की किस समय पानी देना चाहिए तो सुबह जल्दी पानी देना सबसे अच्छा होता है, जब धूप कम हो. इससे पानी को पौधे द्वारा अवशोषित होने का समय मिल जाएगा और गर्मी में पानी का वाष्पीकरण कम होगा. पानी को धीरे-धीरे दें ताकि पानी जड़ों तक पहुंच सके और मिट्टी पूरी तरह से गीली हो जाए. पानी को गमले से बाहर निकलने दें. गमले में जल निकासी के छेद होने चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके.