गरियबंद। 2 घंटे के दौरे में नए कलेक्टर ने स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा व्यवस्था की बारीकी से पड़ताल किया. खामियां गिनाकर पूरा करने के तरीके भी बताए. 4 माह से ऋण पुस्तिका के लिए लटकाने वाले बाबू की शिकायत मिली तो महिला को घंटेभर में तहसीलदार ने पट्टा दिलवा दिया.

नए कलेक्टर प्रभात मलिक का आज देवभोग तहसील में पहला दौरा था. यह पहला अवसर था, जब किसी कलेक्टर ने अपने पहले दौरे में मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी छोटी समस्या की जमीनी पड़ताल कर उसके लिए समाधान का त्वरित रास्ता भी निकाल लिया हो.

दोपहर 12 बजे कलेक्टर मलिक, डीएफओ मयंक अग्रवाल के साथ पहुंचे. मातहतों के साथ सौम्यता से किए जा रहे उनके व्यवहार का ही परिणाम था कि एक एक अफसर खुल कर बातें रख रहे थे. बेबाकी से बात रखने के कारण ही समस्याओं का सीधा हल निकल रहा था. कुछ ऐसी समस्याएं भी थीं, जो इस तहसील के लिए नासूर बन चुके थे. उनके समाधान का भी आसानी से रास्ता निकाल लिया गया. समाधान निकाल कर सप्ताह भर के भीतर उसे पालन करने की चेतावनी और दोबारा उसका निरीक्षण करने की बात भी कही.

ब्लड बैंक के लिए तैयार होगी पुरानी बिल्डिंग
12 बजे कलेक्टर मलिक सीधे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए. जंहा एक एक कक्ष का उन्होंने निरीक्षण किया. एक्सरे, डायलिसीस कक्ष के अलावा मरीज और चिकित्सकों की सुविधा का भी ख्याल रखा. लंबे समय से यहां ब्लड बैंक की मांग की जा रही थी, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी इस पर रोड़ा था.

कलेक्टर मलिक की नजर पुराने अस्पताल भवन पर पड़ी. उन्होंने सीईओ एमएल मंडाई को मरम्मत के लिए प्रपोजल बनाने कहा. अधोसरंचना मद से यह मरम्मत होगा. भवन मरम्मत जल्द होते तक खोलने के अन्य जरुरी फाइलें जल्द आगे बढाने बीएमओ अंजू सोनवानी को निर्दशित किए. डॉक्टरों के ट्रांजिट हॉस्टल में सोलर पैनल, जनरेटर के लिए सेड, बरामदे में कीचड़ से बचने पेवर ब्लॉक के लिए भी प्रपोजल तैयार करने कहा है.

नगर में नजर नहीं आएंगे कचरे
अस्पताल से जब निकल कर नगर प्रवेश किया तो कलेक्टर के आंखों में सड़कों और गलियों में बेतरतीब पड़े कचरे चुभ गए. दूसरे पड़ाव की निरीक्षण के लिए उतरे तो पहले सीईओ को तलब किया. सीईओ ने कहा कि नगर नहीं ग्राम पंचायत होने के कारण स्वच्छता के लिए किए जाने वाले जतन नदारद है.

कलेक्टर ने कचरा ढोने वाले आधा दर्जन सायकल की खरीदी का प्रस्ताव मांगा. काम करने के लिए कर्मी और सफाई के प्रति जागरूकता लाने का जिम्मा जनपद और पंचायत को सौंपा.

कारोबारियों से कचरा को जतन रखने के लिए अपील करने कहा. नगर का कचरा स्पताह भर के भीतर साफ करने स्वच्छता का पालन करने के कड़े निर्देश दिए. यह भी कहा कि अगले विजिट में सफाई नहीं मिला तो कार्रवाई भी करेंगे.

शिक्षा और पेय जल
कलेक्टर का दूसरा पड़ाव आत्मानंद स्कूल था. बैठक व्यवस्था, शिक्षकों के आंकड़ें पर नजर फेरने के बाद 30 लाख से तैयार लैब पहुंचे. पानी, गैस और बिजली का कनेक्शन किए बगैर ही ठेकेदार ने अपना काम पूरा बता दिया था. बगल में हैंडपंप होने के बावजूद लैब रूम में पानी बंदोबस्त के लिए 2 लाख का हेवी स्टीमेट बताया जा रहा था.

कलेक्टर ने लापरवाही के लिए आरईएस के अफसरों को फटकार लगाई. तत्काल कनेक्शन करने के निर्देश दिए. स्कूल प्रांगण में मौजूद वह भवन जिनके छत टपकने के कारण इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. उन सभी के मरम्मत का प्रस्ताव तैयार करने कहा गया है.सभी के लिए अधोसरंचना मद से रुपये दिए जाएंगे.

स्कूल प्रांगड़ में मौजूद गार्डन में समतलीकरण किया जाएगा. सभी के लिए बैठने और अच्छे माहौल में मध्यान्ह भोजन करने के लिए गार्डन में जरूरी सुविधाएं भी जल्द उपलब्ध कराए जाएंगे. सीईओ के अलावा एसडीएम टीआर देवांगन को भी निर्देशों के पालन पर नजर रखने कहा गया है.

सीएम भूपेश बघेल का दौरा तय हो गया है. इसी कड़ी में युद्ध स्तर पर तैयारी हो रही है. सीएम के भेंट मुलाकात का आयोजन जुलाई के दूसरे सप्ताह यानी 11 से 15 जुलाई के बीच तय माना जा रहा है. देवभोग में महिला समूहों को सशक्त बनाने तैयार हो रहे फ़ूड पार्क व वन धन केंद्र का जायजा कलेक्क्तर ने लिया.

प्रस्तुति, निरीक्षण और सभा कैसे व किज स्थान पर होगा उसका प्रारूप डीएफओ मयंक अग्रवाल ने कलक्टर के सामने रखा. वन धन में कार्यरत महिला समूहों से भी कलक्टर ने सीधे सवांद कर उनके कार्य प्रक्रिया व आमदनी की जानकारी ली. फ़ूड पार्क में चल रहे समतलीकरण कार्य मे तेजी लाने कहा गया.

ऋण पुस्तिका मिला, बाबू पर कार्रवाई भी होगी- कलेक्टर

देवभोग तहसील में ऋण पुस्तिका के लिए रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. देवभोग में कलक्टर के दौरे में इसकी शिकायत करने कोदोबेडा से जब 60 वर्षीय महिला सुन्दरमणि आवेदन लेकर विश्राम गृह पहुंची हुई थी, तब इसका खुलासा हुआ.

दौरे के बाद कलेक्टर विश्राम गृह आने के बजाए व्यस्तता के चलते वापस मुख्यालय लौट गए. आवेदन लेकर कलेक्टर का इंतजार कर रही बुजुर्ग के पास तहसीलदार पहुंचे. फफक कर रोते और गिड़गिड़ाते अधेड़ महिला अफसर के पैर पर गिर गई.

उसने बताया कि गुम हो चुके ऋण पुस्तिका के लिए आवेदन की प्रक्रिया नायब तहसीलदार के दफ्तर में पूरी हो गई है. वहां का बाबू पुस्तिका देने के लिए 7 हजार मांग रहा है. प्रक्रिया के नाम पर पहले ही महिला ने बाबू को 1700 रुपये दे दिए थे.

मामले में तहसीलदार ने तत्काल पीड़िता को दफ्तर ले जाकर पुस्तिका बनवा कर दिया. रिश्वत मांगने वाले बाबू को नोटिस भी थमाया है. तहसीलदार समीर शर्मा ने कहा कि पीड़िता ने इससे पहले तक कभी ये समस्या नहीं बताई थी. जानकारी मिलती तो पहले ही समाधान कर देते.