राजिम, जीतेन्द्र सिन्हा। गरियाबंद जिले के कौंदकेरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। यहां बिना मेडिकल डिग्री वाली युवती खुलेआम मरीजों को दवाई बांटती नजर आई। वीडियो वायरल होते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, वीडियो में दिख रही युवती भावना निषाद को जीवन दीप समिति ने अस्पताल में रखरखाव सहयोगी के रूप में नियुक्त किया है, लेकिन वे सीधे फार्मेसी डेस्क पर बैठकर मरीजों को दवा थमा रही हैं। वहीं असली फार्मेसिस्ट भावना चंद्राकर उस वक्त ड्यूटी से नदारद रहीं।

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नियमों के खिलाफ लापरवाही

इस पूरे मामले पर चिकित्सक डॉ. विद्यावती बंजारे ने कहा –“यह गंभीर लापरवाही है, फार्मेसिस्ट के बिना मरीजों को दवा देना नियमों के खिलाफ है।” वहीं BMO राजिम डॉ. वीरेंद्र हिरौंदीय ने साफ कहा – “फार्मेसिस्ट की मौजूदगी में सहयोग करना ठीक है, लेकिन उनके गैरमौजूदगी में दवा बांटना जांच का विषय है। कार्यवाही होगी।”

मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़?

मामले पर स्थानीय लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की इस लापरवाही ने मरीजों की जान से खिलवाड़ किया है। डॉक्टर और फार्मेसिस्ट बनने के लिए जहां सालों की पढ़ाई, इंटर्नशिप और डिग्री जरूरी होती है, वहीं यहां बिना योग्यता वाला स्टाफ दवा बांट रहा है। लोगों का तंज है कि अगर ऐसे ही हाल रहे तो जल्द ही अस्पतालों में ‘यूट्यूब डॉक्टर’ और ‘व्हाट्सऐप नुस्खा विशेषज्ञ’ ही मरीजों का इलाज करते दिखेंगे।

वीडियो वायरल होने के बाद अब देखना होगा कि स्वास्थ्य विभाग इस मामले में महज जांच की फाइल खोलेगा या फिर जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई भी होगी।

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