छत्तीसगढ़ में अपराधिक घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. चाहे वो हत्या, ठगी हो या फिर तस्करी के मामले हो, युवा पीढ़ी किसी न किसी माध्यम से जुर्म की दुनिया में घूसता दिखाई दे रहा है.

पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। पुलिस गांजा तस्करों के खिलाफ लगातार एक के बाद एक ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है, फिर तस्कर सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब युवक लक्जरी वाहनों के जरिए गांजा तस्करी की वारदातों को अंजाम दे रहे. गरियाबंद के छुरा पुलिस ने एक लक्जरी कार से 62 किलो गांजे के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया है. जब्त की गई गांजे की कीमत करीब सवा 6 लाख आंकी गई है. गरियाबंद एसपी भोजराम पटेल ने गांजा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया है. इसी का नतीजा है की आज फिर छूरा थाना क्षेत्र में गांजे की एक बड़ी खेप पकड़ने में सफलता मिली.

रायपुर का है तस्कर आरोपी

एएसपी सूखनन्दन राठौर ने बताया कि ओडिशा से बलेनो कार क्रमांक सीजी 04 एलवाई 9922 में गांजा आने की सूचना मिली थी. छूरा थाना प्रभारी राजेश जगत ने दादर गांव पूराना के पास नाकेबंदी कर वाहन की तलाशी ली. जिस पर वाहन के अंदर 62 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद हुआ. जिसकी कीमत 6 लाख 25 हजार बताई गई है. तस्करी के आरोप में रायपुर के कबीर नगर निवासी विजय पुरस्वानी (28 वर्ष) को नारकोटिक एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया गया है.

कॉरिडोर तोड़ने पुलिस की अहम भूमिका

जिले में इसी महीने गांजा के 4 तस्कर धरे गए. दो दिन पहले 32 किलो और आज के 62 किलो गांजा तस्करी करने वाला आरोपी रायपुर निवासी है. एक महीने पहले एसडीओपी संजय ध्रुव के मौजूदगी में एक पिकअप में 1 क्विंटल 70 किलो गांजा पकड़ा गया था. अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई थी. इस कार्रवाई में चौकाने वाले तथ्य का खुलासा हुआ था. रायपुर के आरोपियों ने रेल्वे में लगे पिकअप का इस्तेमाल किया था. जिसे ओडिशा के कालाहांडी जिला के मुनीगुड़ा से लेकर आ रहे थे, जिसे मेरठ ले जाने की तैयारी थी. पिकअप से थोक में पकड़ाए गांजा के बाद तस्करों ने ट्रेक चेंज कर दिया. कालाहांडी के बजाये नूवापडा जिले से लग्जरी वाहनों से गांजा ले जाने लगे. जब्त अधिकांश तस्करों का रूट राजधानी रायपुर तक ही तय था. नशे का सौदागर राजधानी को हब बनाते उससे पहले गरियाबंद पुलिस ने तस्करों के कॉरिडोर को ट्रैक कर लगातार कार्रवाई कर रही है.