रायपुर। गरियाबंद जिले के टाइगर रिजर्व उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व की इंदागांव (बफर) परिक्षेत्र के ओडिशा राज्य के सीमावर्ती वन क्षेत्रों में अतिक्रमण एवं अवैध कटाई मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है. मामले में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के तीन कर्मचारियों पर गाज गिर गई है. विभाग ने नीलकंठ गंगबेर परिक्षेत्र अधिकारी, सत्यनारायण प्रधान वनरक्षक और चन्द्रशेखर ध्रुव वनपाल, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी को निलंबित कर दिया है.
विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उदन्ती अभ्यारण की अतिक्रमण एवं अवैध कटाई की शिकायत की जांच में प्रथम दृष्टया पाया गया है कि नीलकंठ गंगबेर परिक्षेत्र अधिकारी इंदागांव (बफर) परिक्षेत्र ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में उदासीनता एवं लापरवाही बरती है. इस कारण नीलकंठ गंगबेर के विरूद्ध विभागीय जांच संस्थापित किया जाना प्रस्तावित है. चूंकि नीलकंठ गंगबेर के अपने पद पर बने रहने से विभागीय जांच आदि प्रभावित होने की आशंका है. ऐसे में नीलकंठ गंगबेर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उनका मुख्यालय कार्यालय वनमण्डलाधिकारी क्षेत्रीय रायपुर किया जाता है. निलंबन अवधि में नीलकंठ गंगबेर को नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ता दिया जाएगा.
विभाग ने सत्यनारायण प्रधान वनरक्षक स्पष्टीकरण के जवाब संतोषप्रद नहीं होने एवं पीपलखुंटा (ब) बीट के कक्ष क्रमांक 1204 एवं 1206 में अवैध कटाई एवं अतिक्रमण बहुतायत मात्रा में पाया जाना/अतिक्रमण एवं अवैध कटाई की रोकथाम में नियंत्रण नहीं किया गया. अवैध कटाई व अतिक्रमण की सूचना भूलवश बताकर समय पर वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दिये जाने पर प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए शासकीय कार्य में घोर लापरवाही पाई गई है. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के उल्लंघन में प्रथम दृष्टया दोषी पाये जाने के कारण छ.ग.सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के उप नियम 9 (1) (क) में निहित प्रावधान अंतर्गत सत्यनारायण प्रधान वनरक्षक’ परिसर रक्षी पीपलखुंटा (ब) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. उनका मुख्यालय कार्यालय उपनिदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद रहेगा तथा नियमानुसार जीवन भत्ता दिया जाएगा.
चन्द्रशेखर ध्रुव वनपाल परिक्षेत्र इंदागांव (बफर) अंतर्गत सहायक परिक्षेत्र अधिकारी पीपलखूटा के प्रभार में रहते हुए, अपने प्रभार क्षेत्र के अंतर्गत परिसर पीपलखूटा-ब के, कक्ष कमांक 1204 एवं 1206 में उड़ीसा राज्य के निवासियों द्वारा अतिक्रमण के लिए की गई अवैध कटाई पर नियंत्रण नहीं रखकर समय पर समुचित कार्यवाही नहीं की गई. छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965-3 के अंतर्गत घोर लापरवाही के प्रथम दृष्टया दोषी पाये गये है. उनके विरूद्ध विभागीय जांच संस्थित किया जाना प्रस्तावित है, अपने पद में बने रहने से उनके द्वारा जांच को प्रभावित किया जा सकता है. इसलिए चन्द्रशेखर ध्रुव वनपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन काल में उनका मुख्यालय कार्यालय संचालक सह वनमण्डलाधिकारी जंगल सफारी रायपुर रहेगा. उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा.