पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। जिले में सहायक भर्ती प्रक्रिया में जाली अंक सूची का इस्तेमाल करने के आरोप में तीन अभ्यर्थियों को देवभोग पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। तीन अभ्यर्थी दो अभ्यर्थी कोदोभाठा के हैं, जिनमें से एक अपने दूध मुंहे बच्चे के साथ जेल गई है, जबकि एक अभ्यर्थी कुम्हड़ई कला आंगनबाड़ी से है।
बता दें कि बीते 14 नवंबर को प्रभारी परियोजना अधिकारी दीपा शाह ने कोदोभाठा सहायिका भर्ती मामले में जाली अंक सूची के सहारे नौकरी हासिल करने का प्रयास करने वाले दो अभ्यर्थियों के खिलाफ शिकायत की थी। इस शिकायत में बताया था कि दोनों ने वास्तविक परीक्षा परिणाम के बजाए आवेदन में प्रस्तुत अंक सूची में परीक्षा परिणाम को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया था। इसी शिकायत के आधार पर आज नीला बाई यादव (उम्र 22 साल) और सुभद्रा यादव (उम्र 25 साल) के खिलाफ देवभोग पुलिस ने बीएनएस की धारा 318(4), 336(3), 338, 340(1), 3(5) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेज दिया है। सुभद्रा को अपने दूध मुंहे बच्चे के साथ जेल दाखिल होना पड़ा है।
कुम्हड़ई की गायत्री भी भेजी गई जेल
कोदोभाठा की तरह कुम्हड़ई कला के आंगनबाड़ी केंद्र 3 में भी जाली अंक सूची से नौकरी हासिल करने की शिकायत परियोजना कार्यालय से हुई थी। शिकायत के आधार पर जिस गायत्री डोंगरे को धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेजा गया वह एमए पास है। पीड़िता बेरोजगार थी, जिसके चलते उसने सहायिका भर्ती में नौकरी करने आवेदन किया था, लेकिन बीईओ के सत्यापन प्रक्रिया में अंक सूची जाली पाई गई।
जाली दस्तावेज में नौकरी हासिल करने वाले पर नहीं हुई कार्रवाई
गौरतलब है कि आज जेल भेजी गई नीला यादव ने कोदोभाठा में 67 प्रतिशत वाली अभ्यर्थी का परीक्षा परिणाम 81 प्रतिशत करने का खुलासा किया था। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अभ्यर्थी दीप्ति के आवेदन में भी केवल 67 प्रतिशत अंक दर्ज हैं, लेकिन अंतिम नियुक्ति सूची में 81 प्रतिशत अंक दर्शाए गए थे। पुलिस को दिए बयान में दीप्ति ने बताया कि 81 प्रतिशत का परीक्षा परिणाम किसने लगाया, इस बारे में वह अनभिज्ञ है, और यह भी बताया कि उसे नियुक्ति आदेश देने के बाद वापस ले लिया गया। मामले की जांच में चयन समिति द्वारा गड़बड़ी करना पाया गया है। हालांकि अब इस मामले में एसडीओपी बाजी लाल सिंह ने कहा कि मामले में विभागीय जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जा रही है।
यहां हुई है जाली दस्तावेज से नियुक्ति, जांच का इंतजार
जाली अंक सूची के सहारे नियुक्ति पाने के दो मामले सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि दीवानमूड़ा, निष्टीगुड़ा, गिरशूल में हुई नियुक्तियों में भी जाली अंक सूची का इस्तेमाल हुआ। प्रधान पाठकों ने सत्यापन के समय सच्चाई भी बताई, पर समिति में शामिल जिम्मेदार लोगों ने आंख मूंद ली। अब कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने हाल ही में नियुक्त किए गए सभी 16 भर्तियों की जांच के लिए जिला स्तरीय हाई पावर कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है। इस कमेटी का नेतृत्व अपर कलेक्टर और एडिशनल एसपी करेंगे।
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