चंडीगढ़ /नई दिल्ली : गत्तका खेल को बाकायदा पीथियन सांस्कृतिक खेलों में शामिल कर लिया गया है और अगले वर्ष मॉस्को में होने वाले अंतरराष्ट्रीय पीथियन खेलों में विभिन्न देशों की गत्तका टीमों के मुकाबले भी करवाए जाएंगे. यह बात तालकटोरा स्टेडियम नई दिल्ली में करवाई जा रही तीन दिवसीय 12वीं नेशनल गत्तका चैंपियनशिप के दूसरे दिन के मुकाबलों के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए पीथियन कौंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन और पीथियन खेलों के फाउंडर बिजेंदर गोयल ने कही.


गत्तके के इन राष्ट्रीय स्तरीय के मुकाबलों के अवसर पर गोयल ने इस विरासती खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रफुल्लित करने के लिए विश्व गत्तका फेडरेशन और एशियन गत्तका फेडरेशन सहित नेशनल गत्तका एसोसिएशन को हर किस्म का समर्थन देने का वादा किया. इस मौके पर पीथियन काउंसिल के प्रधान शातनू अगरहरी ने भी संबोधित किया और पीथियन खेलों के बारे श्रोताओं को अवगत करवाया.
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधायक जरनैल सिंह हुए शामिल

इस अवसर पर मुख्य मेहमान के तौर पर पहुंचे दिल्ली के विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि गत्तके की देश के बड़े खेलों में शमूलियत होने और आत्म-रक्षा लिए बेहतर खेल होने के कारण इस विरासती खेल का भविष्य बहुत उज्जवल है, जिस कारण लड़के और लड़कियों को यह खेल सीख कर अधिक से अधिक लाभ लेना चाहिए. उन्होंने इस मौके पर विजेता खिलाड़ियों को इनाम भी वितरित किए.
एशियन गत्तका फेडरेशन के प्रधान और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील डाक्टर तेजिन्दरपाल सिंह नलवा, नेशनल गत्तका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NGAI) के प्रधान हरजीत सिंह ग्रेवाल और कार्यकारी प्रधान सुखचैन सिंह कलसानी ने कहा कि नेशनल खेलों, खेलो इंडिया यूथ गेमज़, नेशनल गेमज़, नेशनल स्कूल गेम्स और ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी गेम्स के बाद गत्तके का पीथियन खेलों में शामिल होना बहुत बड़ी उपलब्धि है.
इस अवसर पर गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब के चेयरमैन कुलविन्दर सिंह, छत्तीसगड़ से इन्द्रजीत सिंह, मलकीत सिंह, जसवंत सिंह खालसा, कल्पना स्वामी, तेलंगाना से विशाल सिंह, महाराष्ट्र से पांडुरंग अम्बूरे, मध्य प्रदेश से परमजीत सिंह, झारखंड से प्रिंस मिश्रा, आंध्र प्रदेश से सुरिन्दरा रैडी, दिल्ली से गुरमीत सिंह राणा और अंगद सिंह आदि उपस्थित थे.
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