रायपुर. भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने 2013 में कहा था कि माओवादी हमारे ही लोग है. गौरव भाटिया में यदि साहस हो तो पहले नरेंद्र मोदी से जवाब तलब करें, फिर कांग्रेस के बयानों पर टिप्पणी करें.

माओवाद के छत्तीसगढ़ में हुये विस्तार के लिये सरकार के 15 वर्ष के कुशासन और साढ़े चार साल के नरेंद्र मोदी के कुशासन को जिम्मेदार ठहराया. शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस के तो विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल, योगेन्द्र शर्मा, अभिषेक गोलछा, अल्लानूर भिडसरा, गोपी माधवानी जैसे नेताओं के शहादत माओवादी हमले में हुई.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब-जब कांग्रेस पार्टी द्वारा झीरम कांड की आवाज उठाई जाती है, तब-तब प्रदेश सरकार घबरा जाते हैं और घबराहट में झीरम कांड के बाद अपने उस पहले बयान को भी भूल जाते हैं, जिसमें उन्होने घटना में हुई चूक को स्वीकार किया था. वह चूक क्या थी और किसके इशारों पर की गयी थी.

भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया द्वारा कांग्रेस नेताओं की शहादत पर कीचड़ उछालने के प्रयत्नों की कड़ी निंदा करते हुए शैलेश नितिन त्रिवेदी ने चुनौती दी है कि भाजपा के किन-किन शीर्ष नेताओं की माओवादियों से लड़ने में शहादत हुई है. गौरव भाटिया नाम बतायें या फिर अपनी स्तरहीन बयानबाजी के लिये झीरम के शहीदों के परिवारों के साथ-साथ प्रदेश की जनता से क्षमा याचना करें.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जिस दिन झीरम घाटी में शहीद विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, दिनेश पटेल, उदय मुदलियार, महेन्द्र कर्मा, योगेन्द्र शर्मा, अभिषेक गोलछा, अल्लानूर भिंडसरा, गोपी माधवानी की शहादत की घटना हुई उसी दिन कांग्रेस ने कहा था कि यह आपराधिक राजनैतिक षड़यंत्र है. झीरम में कांग्रेस नेताओं की शहादत को आज 5 वर्ष हो गए. आज तक झीरम के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. चिंता की बात यह है कि सरकार ने अभी तक झीरम घाटी के हत्यारों और षडयंत्रकारियों को पकड़ने की बात तो दूर पहचानने के प्रयत्न भी आरंभ नहीं किए हैं.

एनआईए ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सौपी दी, कोई खुलासा नहीं हुआ. झीरम की जांच के लिये बने न्यायिक जांच आयोग के कार्यक्षेत्र में साजिश की जांच को सम्मिलित ही नहीं किया गया है. दरभा थाने में जो रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी उस पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि झीरम घाटी कांड एक राजनीतिक आपराधिक षड़यंत्र था. कांग्रेस ने विधानसभा में भी राज्य सरकार से मांग की थी कि सीबीआई से इसकी जांच करायी जाये. सरकार ने विधानसभा में घोषणा भी की. केन्द्र और राज्य की भाजपा सरकारों के उपेक्षापूर्ण रवैये के कारण झीरम मामले की साजिश की सीबीआई जांच भी नहीं हो पा रही है.

प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि विधानसभा में पूरे सदन की भावनाओं के अनुरूप सरकार ने सीबीआई जांच की घोषणा की लेकिन आज झीरम की घटना को 5 साल बीत जाने के बाद भी साजिश की जांच शुरू नहीं हो सकी है.