गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही। जिले में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) कार्य के दौरान लापरवाही बरतने वाले सात बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) पर जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रशासन ने इन सभी बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, छत्तीसगढ़ के निर्देश पर जिले में 4 नवंबर से विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य प्रारंभ किया गया है। इसके तहत प्रत्येक बीएलओ को अपने क्षेत्र के मतदाताओं तक पहुंचकर गणना प्रपत्र (Form-6, 7, 8 आदि) का वितरण करने, पात्र नागरिकों के नाम जोड़ने तथा मतदाता सूची में आवश्यक संशोधन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे।
लेकिन, जिला निर्वाचन कार्यालय को यह शिकायतें मिलीं कि कई बीएलओ अपने कार्यक्षेत्र में निर्धारित समय पर नहीं पहुंच रहे हैं और न ही उन्होंने मतदाता सूची से संबंधित अद्यतन जानकारी पोर्टल पर दर्ज की है। मामले की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
जिन बीएलओ को नोटिस जारी किया गया है, उनके नाम इस प्रकार हैं:
कुसुमलता नागेश, माध्यमिक शाला मांझीटोला, मतदान केंद्र क्रमांक 11 सारबहरा
सुशीला जायसवाल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला गौरेला, मतदान केंद्र क्रमांक 17 गौरेला
ज्योति साहू, मिश्री देवी कन्या माध्यमिक शाला गौरेला, मतदान केंद्र क्रमांक 23 गौरेला
संघवीमाला मनहर, माध्यमिक शाला भर्रापारा, मतदान केंद्र क्रमांक 35 पेण्ड्रा
इंद्रा कुशराम, शासकीय माध्यमिक शाला ठाड़पथरा, मतदान केंद्र क्रमांक 58 दुर्गाधारा
दिनेश विश्वकर्मा, मतदान केंद्र क्रमांक 105 नेवसा
सरिता गुप्ता, मतदान केंद्र क्रमांक 106 नेवसा
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यदि संबंधित अधिकारी निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं करते, तो उनके विरुद्ध एकपक्षीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई से जिले के अन्य बीएलओ को भी स्पष्ट संदेश दिया गया है कि निर्वाचन कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया का अहम हिस्सा है, और प्रत्येक कर्मचारी का दायित्व है कि वह इसे पूरी ईमानदारी और समयबद्धता के साथ पूरा करे।
जिला प्रशासन का संदेश स्पष्ट है- निर्वाचन कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता पर है और इसमें ढिलाई करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से कोई परहेज़ नहीं किया जाएगा।