Gautam Adani Bribery Case: न्यूयॉर्क की एक अदालत ने उद्योगपति गौतम अडानी और अन्य के खिलाफ अरबों रुपये की रिश्वतखोरी के आरोप में 3 मामलों की एक साथ सुनवाई करने का आदेश दिया है. अदालत ने आदेश दिया कि इन मामलों की सुनवाई एक संयुक्त मुकदमे में एक साथ की जाएगी.

जिन मामलों की एक साथ सुनवाई होनी है, उनमें यूएस बनाम अडानी और अन्य (अडानी के खिलाफ आपराधिक मामला), सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) बनाम अडानी और अन्य (अडानी के खिलाफ दीवानी मामला) और एसईसी बनाम कैबनेस (अन्य आरोपियों के खिलाफ दीवानी मामला) शामिल हैं. अदालत ने यह फैसला तब दिया, जब उसने पाया कि ये मामले एक जैसे आरोपों और लेन-देन से जुड़े हैं.

रिश्वत मामले में गौतम अडानी और उनके भतीजे समेत 8 आरोपी

दरअसल, 21 नवंबर 2024 को यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी (United States Attorney) ऑफिस ने कहा था कि अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी (solar energy in India) से जुड़ा एक कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए इंडियन अफसरों को 265 मिलियन डॉलर (तब करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी थी (Gautam Adani Bribery Case) या देने की योजना बना रहे थे.

यह पूरा केस अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (Adani Green Energy Limited) और एक अन्य फर्म से जुड़ा है. यह केस 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में (case registered in Federal Court) दर्ज किया गया था.

बुधवार 20 नवंबर को हुई इसकी सुनवाई में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत एस जैन, रंजीत गुप्ता, सिरिल कैबनिस, सौरभ अग्रवाल, दीपक मल्होत्रा ​​और रूपेश अग्रवाल को आरोपी बनाया गया है.

रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतम अडानी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है. सागर अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं.

अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया

अडानी ग्रुप ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है. 21 नवंबर को एक बयान जारी करते हुए समूह ने कहा- ‘अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के निदेशकों के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका के न्याय विभाग और संयुक्त राज्य प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं. हम उनका खंडन करते हैं.