Adani Enterprises News. साल 2023 की शुरुआत भले ही भारतीय अरबपति गौतम अडानी के लिए खराब रही हो, लेकिन पिछले साल के अंत तक वह दुनिया में कमाई के मामले में सबसे आगे थे. तभी अडानी ग्रुप को लेकर अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की एक रिसर्च रिपोर्ट छपी और अडानी स्टॉक्स में सुनामी आ गई.

इस साल अब तक उनकी संपत्ति में 60 अरब डॉलर से ज्यादा की गिरावट आई है. लेकिन, भारी नुकसान झेलने के बावजूद, कंपनी के बोर्ड में गौतम अडानी का विश्वास बरकरार है और अडानी को पांच और वर्षों के लिए अदानी एंटरप्राइजेज के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है.

30 नवंबर को खत्म हो रहा कार्यकाल

गौतम अडानी की सफलता की कहानी असाधारण है. उनके नेतृत्व में अदानी ग्रुप ने बिजनेस सेक्टर में कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं. अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने कॉरपोरेट सेक्टर में तेजी से तरक्की की और एक बहुत बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया. बता दें कि अदानी एंटरप्राइजेज के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में गौतम अडानी की पुनर्नियुक्ति 1 दिसंबर, 2023 से प्रभावी होगी. उनका मौजूदा कार्यकाल 30 नवंबर, 2023 को समाप्त हो रहा है. गुरुवार को समूह की प्रमुख कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज के मार्च तिमाही के नतीजों की घोषणा करते हुए , बोर्ड ने फिर से अडानी को कार्यकारी अध्यक्ष चुना.

हिंडनबर्ग के प्रभाव के बीच कंपनी को जबरदस्त मुनाफा

अडानी एंटरप्राइजेज के तिमाही नतीजों पर नजर डालें तो इस फ्लैगशिप कंपनी ने चौथी तिमाही में बंपर मुनाफा कमाया है. अडानी एंटरप्राइजेज का समेकित शुद्ध लाभ वार्षिक आधार पर लगभग दोगुना हो गया. यह 722.48 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जबकि परिचालन से राजस्व साल-दर-साल आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 31,346.05 करोड़ रुपये हो गया. शानदार नतीजे के बाद कंपनी के बोर्ड ने शेयरधारकों के लिए लाभांश (अडानी एंटरप्राइजेज डिविडेंड) को भी मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने पिछले वित्त वर्ष के लिए 1.20 रुपये प्रति शेयर के लाभांश को मंजूरी दी है.

इस तरह रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी को नुकसान पहुंचाया

24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट प्रकाशित होने से पहले, गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष -10 अरबपतियों की सूची में चौथे स्थान पर थे. उनकी नेटवर्थ करीब 120 अरब डॉलर थी, लेकिन 88 सवालों की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर ऐसा कहर बरपाया कि समूह का बाजार पूंजीकरण कुछ ही समय में 100 अरब डॉलर से नीचे पहुंच गया. अडानी के शेयरों में 85 फीसदी तक की गिरावट आई और इन सबका असर गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी पड़ा. दो महीने के अंदर अडानी पहले तो टॉप-10 अमीरों की लिस्ट से बाहर हो गए और फिर 37वें पायदान पर आ गए.