गया। गया -कोडरमा रेलखंड पर रेलवे ने 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हाई-स्पीड ट्रेन का सफल ट्रायल किया। इस ट्रायल के साथ ही इस सेक्शन पर तेज रफ्तार ट्रेन संचालन का रास्ता साफ हो गया है। रेलवे की तकनीकी टीम इंजीनियर और सुरक्षा अधिकारी इस ट्रायल की निगरानी कर रहे थे। रेल प्रशासन ने इसे अत्यंत सफल बताया है।पूर्व मध्य रेलवे ने इस ट्रायल की तैयारी कई दिनों पहले शुरू कर दी थी। ट्रैक की मजबूती के लिए दोनों लाइन सेक्शनों पर स्लीपर और स्लैब की अदला-बदली की गई। साथ ही सिग्नलिंग सिस्टम ओवरहेड इलेक्ट्रिक वायर और ट्रैक एलाइमेंट को आधुनिक मानकों के अनुसार अपग्रेड किया गया। गया जंक्शन सहित मार्ग के सभी प्रमुख स्टेशनों पर आवश्यक सुधार कार्य पूरे कर लिए गए हैं। रेल अधिकारियों के अनुसार यह प्रयास भारतीय रेलवे की मिशन गति शक्ति और नई गति नीति के तहत तेज रफ्तार यातायात को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ट्रायल का महत्व

ट्रायल के दौरान रेलवे की इंजीनियरिंग टीम ने ट्रैक की स्थिरता कंपन्न, सिग्नल रिस्पॉन्स और ब्रेकिंग सिस्टम की दक्षता का विस्तार से परीक्षण किया। सभी पैरामीटर मानकों पर खरे उतरने के बाद ट्रायल को पूर्ण सफलता घोषित किया गया। रेल अधिकारियों का कहना है कि इस ट्रायल के सफल होने से भविष्य में राजधानी वंदे भारत और अन्य सुपरफास्ट ट्रेनों की अधिकतम गति इस सेक्शन पर 160 किमी प्रति घंटा तक बढ़ाई जा सकेगी। इससे गया से हावड़ा नई दिल्ली और रांची की ओर जाने वाली ट्रेनों के समय में उल्लेखनीय कमी आने की संभावना है।

यात्रियों के लिए फायदे

तेज रफ्तार ट्रेन सेवा शुरू होने से यात्रियों को समय की बचत के साथ-साथ सुरक्षित आधुनिक और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। रेलवे प्रशासन ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में गया-कोडरमा-धनबाद मार्ग को देश के हाई-स्पीड गलियारों में शामिल करने के लिए और सुधार कार्य किए जाएंगे। यह पहल बिहार और झारखंड क्षेत्र को हाई-स्पीड रेल नेटवर्क से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।