कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। रावण के पुतले (Ravana effigy) ने MP के एक बड़े यूनिवर्सिटी की लापरवाही की पोल खोल दी है। सुनने में तोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन ये सच है। रावण के पुतले ने ग्वालियर के सबसे बड़े जीवाजी विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही की पोल (exposed the great negligence of Jiwaji University) खोल दी है। विवि के रिजल्ट के टेबुलेशन चार्ट से रावण-मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बनाए जा रहे हैं। वहीं मामला सामने आने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन के मुंह पर ताला लग गया है। प्रबंधन ने मामले में चुप्पी साध ली है।

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दरअसल विजयादशमी पर रावण दहन के लिए शहर के फूलबाग मैदान पर रावण-मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले बनाए जा रहे हैं। यहीं पर विजयादशमी पर आज (बुधवार) को रावण दहन कार्यक्रम होगा। रावण-मेघनाद और कुंभकर्ण के, जो पुतले बने हैं, उनमें जीवाजी विश्वविद्यालय के रिजल्ट के 2020 टेबुलेशन चार्ट का इस्तेमाल किया गया है। विश्वविद्यालय ने टेबुलेशन चार्ट को कबाड़े में बेच दिया था, जिसका इस्तेमाल पुतला बनाने में हो रहा है।

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इधर मामला सामने आने के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन ने चुप्पी साध ली है। फिलहाल मामले में कुछ भी कहने से प्रबंधन बच रहा है। लेकिन रिजल्ट के टेबुलेशन चार्ट को कबाड़े में बेचना घोर लापरवाही है।

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