हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक से तीसरे GE-404 इंजन की सप्लाई हो गई है। यह इंजन एलसीए (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) तेजस मार्क-1A कार्यक्रम का अहम हिस्सा है। वहीं, चौथा इंजन इसी महीने भारत पहुंचने की उम्मीद है। बता दें कि, पिछले महीने (अगस्त) में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर जब भारत के प्रति कड़े थे तब एक भी इंजन की सप्लाई नहीं हुई थी. उस दौरान भारत और अमेरिका के संबंधों में जबरदस्त खटास थी. डील के मुताबिक, इस वर्ष (2025-2) तक GE से हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (AHL) को कुल 99 में से 12 इंजन मिलने हैं. इन इंजन का इस्तेमाल LCA-तेजस फाइटर जेट के उन्नत वर्जन एलसीए मार्क-1ए के लिए इस्तेमाल होना है. अमेरिका से इंजन की डिलीवरी करीब दो साल के देरी से हो रही है.
स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के लिए सप्लाई बेहद अहम
यह डिलीवरी ऐसे समय में हुई है जब भारतीय वायुसेना को तेजस विमानों की जरूरत सबसे ज्यादा है। वायुसेना पहले ही 83 तेजस एमके-1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दे चुकी है और सरकार ने हाल ही में 97 और विमानों की खरीद को मंजूरी दी है। कुल मिलाकर अब 180 स्वदेशी लड़ाकू विमानों का रास्ता साफ हो चुका है। इन विमानों को समय पर तैयार करने के लिए इंजन की सप्लाई बेहद अहम मानी जा रही है।
एचएएल को इस वित्त वर्ष के आखिर तक 12 जीई-404 (GE-404 Engine) इंजन मिलने हैं। इन इंजनों का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना के तेजस बेड़े में होगा। अभी तक तीन इंजन एचएएल को मिल चुके हैं और चौथा इंजन जल्द ही डिलीवर होगा। इसके बाद आने वाले महीनों में इंजन सप्लाई और तेज होने की उम्मीद है।
तेजस एमके-1ए की डिलीवरी में पहले ही बहुत देरी हो चुकी है। इस देरी की मुख्य वजह सप्लाई चेन की दिक्कतें और इंजन की उपलब्धता रही। मार्च 2025 में जीई ने पहला इंजन एचएएल को सौंपा था। इसके बाद से धीरे-धीरे इंजन भारत पहुंच रहे हैं। लेकिन उत्पादन लक्ष्य को पूरा करने के लिए समय पर सप्लाई अनिवार्य है।
सूत्रों के मुताबिक एचएएल की योजना 2026-27 तक हर साल 30 तेजस विमान बनाने की है। अभी उत्पादन दर इससे काफी कम है। इंजन सप्लाई सुचारू होने के बाद ही इस लक्ष्य तक पहुंचना संभव होगा।
AHL से वायुसेना के लिए करार
वर्ष 2021 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (AHL) से वायुसेना के लिए 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) मार्क-ए का करार किया था. इस करार की कुल कीमत करीब 48 हजार करोड़ थी. इन LCA लड़ाकू विमानों के लिए भारत ने अमेरिका की GE कंपनी से 99 F-404 एविएशन इंजन का सौदा किया था. पिछले दो साल से अमेरिका से इन एविएशन इंजन की सप्लाई एचएएल को ठीक प्रकार से नहीं हो पाई है. अभी तक महज दो (02) इंजन की सप्लाई ही अमेरिका से हुई है. अमेरिका का दावा है कि ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने के चलते ऐसा हो रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि पहले खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश की साजिश रचने और अब टैरिफ वॉर (और ऑपरेशन सिंदूर) के चलते, सप्लाई बेहद धीमी गति से हो रही है.
LCA प्रोजेक्ट की समीक्षा की
AHL का दावा है कि इंजन सप्लाई दुरुस्त होने से वायुसेना को इस साल (मार्च 2026) तक 10 लड़ाकू विमानों की सप्लाई हो सकती है. जुलाई महीने में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा ने खुद AHL की बेंगलुरू स्थित फैसिलिटी का दौरा कर LCA प्रोजेक्ट की समीक्षा की थी.
राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच सुधरते रिश्ते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन (31 अगस्त-1 सितंबर) दौरे के बाद बुधवार (10 सितंबर 2025) को लगातार तीसरी बार ट्रंप ने भारत की तारीफ की थी. ट्रंप के ताजा बयान के बाद पीएम मोदी ने भी कहा है कि भारत और अमेरिका बहुत अच्छे मित्र और स्वाभाविक साझेदार हैं. ऑपरेशन सिंदूर में ट्रंप की मध्यस्थता को नकारने के चलते भारत और अमेरिका के संबंधों में खटास आ गई थी. ट्रंप ने भारत को डेड-इकोनोमी तक करार देते हुए 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था, लेकिन भारत की नीतियों के आगे ट्रंप को झुकना पड़ा और मोदी से मिलने तक की ख्वाहिश जता दी. उल्लेखनीय है कि अमेरिका से एविएशन इंजन की सप्लाई में हो रही देरी के बावजूद, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (AHL), भारतीय वायुसेना को एलसीए तेजस फाइटर जेट के दो एडवांस वर्जन मार्क-1ए की डिलीवरी करने जा रहा है.
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