Gemstones: रत्नों की चमक सिर्फ आभूषण तक सीमित नहीं होती, बल्कि इन्हें ज्योतिष में जीवन की दिशा बदलने वाली शक्ति माना जाता है. मान्यता है कि सही रत्न धारण करने से ग्रह दोष शांत होते हैं और भाग्य प्रबल होता है. लेकिन ज्योतिषाचार्यों की राय में बिना कुंडली विश्लेषण के रत्न पहनना खतरनाक भी हो सकता है.

ग्रहों से जुड़ा हर रत्न, जो करता है उनका प्रतिनिधित्व

ज्योतिष के अनुसार हर रत्न किसी ग्रह का प्रतीक होता है. जैसे पुखराज गुरु ग्रह, माणिक सूर्य और नीलम शनि का द्योतक है. यदि कुंडली में शनि प्रतिकूल है और व्यक्ति नीलम पहन ले, तो यह लाभ देने के बजाय संकट बढ़ा सकता है. इसी कारण पहले जन्मपत्री का अध्ययन अनिवार्य माना गया है.

धारण की विधि और नियम होता है महत्वपूर्ण

केवल रत्न का चुनाव ही नहीं, बल्कि धारण करने का समय, धातु और पूजा-पाठ भी बेहद अहम हैं. विद्वानों के मुताबिक, रत्न धारण से पहले शुद्धिकरण, मंत्रोच्चारण और ग्रह की शांति के लिए विशेष विधि अपनाई जाती है. तभी उसका प्रभाव शुभ होता है.

नकली रत्न से सावधान

विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि नकली या अशुद्ध रत्न न केवल निष्प्रभावी रहते हैं बल्कि मानसिक और आर्थिक नुकसान भी करा सकते हैं. इसलिए हमेशा भरोसेमंद स्रोत से असली रत्न ही लेना चाहिए.

रत्न में फैशन और दिखाए किस चीज नहीं

आजकल फैशन और दिखावे के लिए भी लोग रत्न पहन रहे हैं, लेकिन परंपरा के अनुसार यह केवल ज्योतिषीय गणना के बाद ही धारण करना चाहिए. समाज में यह विश्वास गहराता जा रहा है कि सही रत्न जीवन में तरक्की और सुख-समृद्धि ला सकता है, जबकि गलत चुनाव मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

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