नेपाल में 3 दिनों तक चले घमासान के बाद अब हालात काबू में आने लगे हैं। सेना ने देश की कमान अपने हाथ में ले ली है। फिलहाल नेपाल में नई हिंसा की कोई खबर नहीं है। अब आंदोलनकारी युवाओं की मांग है कि एक गैर-राजनीतिक नेतृत्व के तहत नई सरकार का गठन किया जाए। हालांकि संविधान के मुताबिक वर्तमान संसद रहते हुए किसी गैर-सांसद को प्रधानमंत्री बनाना संभव नहीं है। इसी कारण प्रदर्शनकारी संसद भंग करने की मांग पर अड़े हैं। नेपाल की अंतिरम सरकार की प्रमुख बनने की रेस में कई नाम चल रहे हैं। इसमें सबसे आगे पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम चल रहा था, लेकिन नेपाली सेना प्रमुख के साथ चल रही बैठक में युवाओं ने उनके नाम पर असहमति जाता दी है।

उन्होंने कुलमान घिसींग का नाम नए प्रधानमंत्री के तौर पर सामने रखा है। बता दें किम ये खबर तब सामने आई है जब कार्की ने अंतिरम सरकार की प्रमुख बनने के लिए रजामंद हो गई थी।


भ्रष्टाचार के कारण नेपाल में हिंसा हुई – युवा

बता दें कि, युवाओं ने सेना प्रमुख के साथ चल रही बैठक में कहा है कि नेपाल में हुई हिंसा ओली सरकार और उनसे पिछली सरकारों द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की वजह से हुई है। उन्होंने कहा है कि, देश को ऐसे नेता की जरूरत है जो देश का विकास करे। उन्होंने नेपाल के संविधान को बदलने की मांग भी कर दी है। गौरतलब है कि, पूर्व पीएम ओली ने अपने तख्तापलट का ठीकरा भारत पर फोड़ा है। उन्होंने अपने कार्यकाल में हुए भ्रष्ट पर तो कुछ नहीं कहा बल्कि बोले कि, भारत के इशारे पर नेपाल की स्थिति आज खराब है। जानकारी हो कि, बड़ी बड़ी हाँकने वाले ओली अपनी जान बचाकर सेना के हेलीकॉप्टर से फरार हो चुके हैं। वह अभी कहा है इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है।

कौन है कुलमान घिसींग ?

कुलमान घिसींग नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व प्रबंध निदेशक हैं, जिन्हें नेपाल में बिजली कटौती (लोड-शेडिंग) के लंबे समय से चले आ रहे संकट को हल करने के लिए जाना जाता है। उन्होंने पहली बार पदभार संभालने के बाद दशकों से चल रही 18 घंटे की बिजली कटौती को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

पद और उपलब्धियां

कुलमान ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण में प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया और उनके कार्यकाल में नेपाल में बिजली की आपूर्ति में सुधार हुआ। यह घिसींग के ही प्रयास थे जिनकी वजह से नेपाल में लंबे समय से चली आ रही बिजली कटौती (लोड-शेडिंग) की समस्या का समाधान हुआ, जो पहले दिनों में 18 घंटे तक चलती थी। इस बिजली कटौती को समाप्त करने और लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के कारण उन्हें नेपाल में काफी लोकप्रियता हासिल हुई।

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