Gende ke Phool: त्योहारों, पूजा-पाठ, अनुष्ठानों में फूलों का विशेष महत्व है. देवी-देवताओं को कौन से फूल चढ़ाए जाएं, यह भी ग्रंथों में वर्णित है. दिवाली पास आ रही है, फूल मार्केट में गेंदों (मैरी गोल्ड) की आवक बढ़ गई है. यूं तो यह फूल हर सीजन में मिलता है और हर पूजा में इस्तेमाल में लाया जाता है.

भगवान को अर्पित किया जाता है. मगर, दिवाली में इसका विशेष महत्व होता है. यह नारंगी और पीले रंग में आता है. आखिर इस फूल में ऐसा क्या है, जो इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक है? जवाब है- यह फूल देवी-देवताओं को बहुत प्रिय है.

आज इस आर्टिकल में सबसे आसानी से मिलने वाले और सभी देवी-देवताओं के प्रिय गेंदा फूल के बारे में जानें.

सूर्य देव को है प्रिय

गेंदा सूर्य देवता का सबसे प्रिय फूल है. वह इसलिए है क्योंकि इसका पीला और नारंगी रंग, सूर्योदय और सूर्यास्त का प्रतीक माना गया है. इसके गहरे रंग को अग्नि का प्रतीक माना गया है, जो ऊर्जा और प्रकाश का प्रतीक है. इसे मुख्य रूप से सूर्य देवता को चढ़ाकर आ​शीर्वाद मांगा जाता है.

सकारात्मक ऊर्जा का है प्रतीक

इस फूल की माला से तोरन बनाए जाते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे सकारात्मकता ऊर्जा का प्रवाह होता है. इन फूलों को देखकर खुशी होती है. हम लोग तरोजाता महसूस करते हैं.

शांति का प्रतीक

हिंदू धर्म में जितने भी देवी-देवता हैं, उनके अपने प्रिय फूल हैं. मां काली, दुर्गा, शारदा को गुड़हल का फूल बहुत पसंद है. भगवान शिव को कनेर. भगवान विष्णु, गणेशजी और देवी लक्ष्मी को गेंदा का फूल प्रिय है. यह शांति का प्रतीक भी माना गया है.