लंदन। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अब केवल वैक्सीन ही नहीं बल्कि दवा भी कारगर होगी. ऐसी पहली दवा (पिल) मोल्नुपिराविर को ब्रिटेन की सरकार ने सशर्त मंजूरी दी है. इस दवा का विकास जर्मनी की दवा कंपनी मर्क फार्मा ने किया है. कंपनी ने अन्य दवा कंपनियों को भी दवा के निर्माण की मंजूरी देने की बात कही है, जिससे जल्द तमाम देशों में यह दवा सस्ते दाम पर उपलब्ध हो सके.
मर्क की दवा का ट्रायल जर्मनी समेत कई देशों में चल रहा था, जिसमें यह साबित हो गया कि कोविड-19 के इलाज में यह कारगर है. इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने इसे औपचारिक सशर्त मंजूरी देने का फैसला किया. हालांकि, अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह दवा आखिर कब तक लोगों को उपलब्ध होगी.
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जानकारों का कहना है कि ‘मोल्नुपिराविर’ कोविड-19 के लक्षणों को कम करेगी. इसके इस्तेमाल से मरीज जल्द से जल्द ठीक हो सकेंगे. कोरोना के इलाज में इस दवा को ऐतिहासिक कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा है. इससे मौतों की संख्या तो कम की ही जा सकेगी, इसके अलावा ज्यादातर मरीजों को अस्पताल जाए बिना घर में ही ठीक किया जा सकेगा. इस दवा का अमेरिका और यूरोप में भी इस दवा के ट्रायल चल रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही बाकी देशों में भी इसके इस्तेमाल को मंजूरी दे दी जाएगी.
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दवा निर्माता कंपनी मर्क का कहना है कि उसकी दवा से अस्पताल में भर्ती होने की आशंका कम होगी और मौतों को भी काफी हद तक कम किया जा सकेगा. कोरोना के शुरुआती लक्षण नजर आने के बाद अब तक इस दवा को काफी असरकारक माना गया है. डॉक्टर के कहने पर इस दवा को घर पर ही लिया जा सकता है. इसके साथ उम्मीद की जा रही है कि इस दवा के इस्तेमाल से अस्पतालों पर मरीजों का बोझ कम होगा.
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