रायपुर. श्रावण मास की शुक्लपक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के नाम से मनाया जाता है. इस दिन नागों का पूजन किया जाता है. इस दिन व्रत करके सांपों को दूध पिलाया जाता है. गरूड़ पुराण में उल्लेख है कि इस दिन अपने घर के दोनों किनारों पर नाग की मूर्ति बनाकर पूजन करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचमी तिथि का स्वामी नाग है. अर्थात् शेषनाग आदि सर्पराजाओं का पूजन पंचमी के दिन किया जाता है. श्रावण मास को शिव का मास माना जाता है साथ ही चूकि नाग शिवजी के आभूषण माने जाते हैं अतः इस दिन सर्प आदि की पूजा का विधान है. किसी जातक की कुंडली में सर्पदोष हो तो या कालसर्प दोष हो तो उसे इस दिन विधि विधान से सर्प पूजन कर दान आदि देने से जीवन में कालसर्प दोष से उत्पन्न बाधा दूर होती है.

माना जाता है कि शिवजी द्वारा विषपान करने से उत्पन्न उनके शरीर के विष को दूर करने के लिए सर्प आदि देवताओं ने उनका विष अपने शरीर में धारण कर लिया था, जिसके उपरांत शिवजी ने उन्हें अपने गले में धारण किया. माना जाता है कि जिस दिन सभी सर्पो ने शिवजी की रक्षा की वह दिन पंचमी का दिन था, उसी दिन उन्हें सभी देवों ने वरदान दिया कि पंचमी को श्रावण मास के दिन उनकी विधिवत् पूजन की जावेगी. इस पूजन से सभी प्रकार के शारीरिक व्याधि से भी राहत मिलती है.

नाग पंचमी पूजा विधि

नागपंचमी की दिन सुबह जल्दी उठाकर स्नान करें और नए अथवा स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें.

इसके बाद प्रसाद तैयार कर लें.

अब एक लकड़ी का तख्त लें और उसपर नाग देवता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर लें.

अब इस नाग प्रतिमा पर सबसे पहले जल और इसके बाद सुगन्धित फूल और चन्दन अर्पित करें.

इसके बाद एक एक करके दूध, दही, मधु, शर्कर, पंचामृत अर्पित करें.

प्रत्येक वास्तु अर्पित करते हुए साथ में इस मात्र का जाप करें.

“ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्”.

पूजा के अंत में चढ़ावे के रूप में नए वस्त्र, चन्दन, कुमकुम, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, धूप दीप, फल, आदि अर्पित करें – यदि कालसर्प दोष से मुक्ति चाहते हैं तो इस मात्र से पूजा करें- “ऊँ कुरुकुल्ये हुं फट स्वाहा”.

नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारम्भ: 2 अगस्त, 2022 को सुबह 05 बजकर 14 मिनट से.

पंचमी तिथि समापन: 3 अगस्त, 2022 को सुबह 05 बजकर 43 मिनट पर.

नाग पंचमी पूजा मुहूर्त: 2 अगस्त 2022 को प्रात: 05 बजकर 43 मिनट से 08 बजकर 24 मिनट तक.