रायपुर. शनिवार का दिन तथा श्रावण का महिना होने से शनि के दोषो को दूर करने के लिए शिव पूजा में विशेष तौर पर तिलाभिषेक करने से शनि दोष से मुक्ति पाई जा सकती है और मनचाही मुराद पूरी हो सकती है. आज श्रावण मास का शनिवार है और इस मास और शनिवार के दिन पितृदोष से निवृत्त हेतु किए गए रूद्राभिषेक से शनि के दोषो से मुक्ति पाई जा सकती है. यदि आपके जीवन में वैवाहिक जीवन का कष्ट बना हुआ हो या कैरियर में आपको इच्छित सफलता ना मिल रही हो तो इस स्थिति में शनि से पीड़ित हो सकते हैं और मनचाही मुराद पूरी करने के लिए आज के इस शुभ योग में शिवजी का तिलाभिषेक करें तो आपको इच्छित सफलता जरूर प्राप्त होगी.

जिन जातकों को साढ़ेसाती व अढ़ैया के प्रभाव के साथ ही शनि की महादशा व अंतर्दशा या जन्म कुंडली में शनि का विषम प्रभाव हो, उन्हें इस दिन शनिदेव का तिलाभिषेक अवश्य करना चाहिए. इसके लिए सूर्यास्त के 48 मिनट बाद काले पत्थर से निर्मित शिवलिंग की विधिवत पूजा कर तिल या सरसों का तेल, काली उड़द, काली तिल, कोयला चूर्ण से तिलाभिषेक करें और शनि जी, पीपल, बरगद के वृक्ष का भी पूजन करना चाहिए. उसके बाद शनि देवालय में शनि देव की काली पाषाण मूर्ति को सरसो या तिल का तेल, काले तिल, काले वस्त्र, उड़द की दाल, फूल व तेल से बनी मिठाई या पकवान अर्पित कर समृद्धि की कामना से शनि मंत्रों का जाप करें.

ॐ धनदाय नम:,  ॐ मन्दाय नम:, ॐ मन्दचेष्टाय नम:, ॐ क्रूराय नम:, ॐ भानुपुत्राय नम:

पूजा व मंत्र स्मरण के बाद शनि की धूप व तेल दीप से आरती भी करें. दोषों के लिए क्षमा की प्रार्थना करें व प्रसाद ग्रहण करें. यह दिन शनि दोष से पीड़ित जातको के लिए पूजन के लिए विशेष है. पूजन-अर्चन व अभिषेक करने से शनिदेव की टेड़ी नजर से मुक्ति पाई जा सकती है.