नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश पर अपने खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए मानहानि का नोटिस दिया है. आजाद ने अपनी बेदाग प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए 2 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है.
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के संस्थापक गुलाम नबी आजाद की ओर से शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश को भेजे गए मानहानि का नोटिस में कहा कि उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस और सोशल मीडिया पोस्ट में कथित रूप से उनके खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया.
गुलाम नबी आजाद ने जयराम को कानूनी नोटिस मिलने से दो हफ्ते के भीतर प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए या किसी भी तरह के संचार माध्यम से बिना शर्त माफी मांगने की सलाह दी है.
नोटिस में कहा गया कि जयराम रमेश राष्ट्रीय स्तर पर आजाद को दिए गए सम्मान को कलंकित करने और नुकसान पहुंचाने के लिए हमेशा मौके की तलाश में रहते हैं, अपने ट्विटर अकाउंट शब्द में बार-बार पोस्ट के माध्यम से आजाद को पदम भूषण पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के तुरंत बाद दूसरों की राय में उन्हें नीचा दिखाने के लिए ‘गुलाम’ का इस्तेमाल किया गया.
जयराम रमेश ने “गुलाम” नाम का इस्तेमाल “गुलाम” के रूप में किया है. उन्होंने कहा कि रमेश ने अपने बयानों के माध्यम से आईपीसी की धारा 500 के तहत अपराध किया है और मौद्रिक मुआवजे का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है. नोटिस में कहा कि आजाद के खिलाफ प्रेस बयानों में दिए गए बयान विशुद्ध रूप से द्वेष पर आधारित थे, और इससे आजाद को मानसिक पीड़ा, यातना, उत्पीड़न हुआ और उनकी छवि खराब हुई, जिसकी सुधारा नहीं जा सकता.
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