Veer Bal Diwas 2025: भारत में हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन सिखों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों- जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान की याद में मनाया जाता है। 9 जनवरी 2022 को प्रकाश पर्व के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह ऐलान किया था कि हर साल 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

उन्होंने इस्लाम नहीं स्वीकारा- गिरिराज सिंह

वीर बाल दिवस के मौके पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बयान सामने आया है। गिरिराज सिंह ने कहा कि, पीएम मोदी ने 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के तौर पर मनाने की घोषणा की। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी केवल सिख समुदाय के 10वें गुरु नहीं थे। बिहार को गर्व है कि उनका (गुरु गोबिंद सिंह) जन्म यहां हुआ।

उन्होंने कहा कि, वीर बार दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि उनके चार पुत्रों ने इस्लाम नहीं स्वीकारा, मुग्लों का दबाव नहीं स्वीकारा, अपनी जान दे दी। आने वाले दिनों में हम इस दिन को स्कूलों में ले जाने का काम करेंगे।

धर्म परिवर्तन की जगह दी प्राणों की आहुति

सन् 1705 के आसपास पंजाब में मुगल शासकों का अत्याचार बढ़ गया था। मुगल सेना गुरु गोबिंद सिंह जी को पकड़ना चाहती थी। इस कारण से उन्हें अपने परिवार से अलग होना पड़ा था। गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी के सबसे छोटे बेटे जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह ने भारी दबाव के बावजूद अपने धर्म को छोड़ने से इंकार कर दिया और धर्म परिवर्तन के बजाय अपने प्राणों का बलिदान करना सही समझा।

गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब वही पवित्र स्थान है, जहां दोनों बहादुरों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे। उनकी शहादत और वीरता करोड़ों हिंदुस्तानियों को प्रेरणा देती है, जिसे आज हम वीर बाल दिवस के रूप में मना रहे हैं।

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