श्रावणी के पिता किसान हैं और मां के साथ कभी कभी मजदूरी करते हैं। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली इंटरमीडिएट की 16 साल की छात्रा एम.श्रावणी को गर्ल्स सेलिब्रेशन डे के मौके पर एक दिन की कलेक्टर बनाया गया। एक दिन के लिए जिला कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने और काम करने का मौका देने के लिए लॉटरी सिस्टम के जरिए उसका नाम निकाला गया था। जिला कलेक्टर गंधम चंद्रूडू ने जिले में बालिका भविष्यतू कार्यक्रम लॉन्च किया है। जिसकी काफी सराहना की जा रही है।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य समाज में लड़कियों को सम्मान देने और उन्हें उनका अधिकार दिलाने के लिए लोगों को जागरुक करना है। एक दिन के लिए जिला कलेक्टर बनने के बाद सोलह साल की एम.श्रावणी ने लोगों के हित में कई फैसले लिए। उन्होंने इंसानों के साथ जानवरों की देखभाल पर भी जोर दिया। श्रावणी ने सफाई पर खासा जोर देते हुए आसपास के इलाके को साफ रखने के निर्देश दिए। एक दिन की जिला कलेक्टर ने कहा कि वो शिक्षक बनना चाहती हैं।