दिल्ली की एक अदालत ने 2018 में उत्तर-पश्चिमी बवाना क्षेत्र में एक स्कूल शिक्षिका की हत्या के मामले में उसके पति सहित 6 व्यक्तियों को दोषी ठहराया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धीरेंद्र राणा ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष ने मंजीत सहरावत, एंजल गुप्ता, धर्मेंद्र, दीपक, विशाल उर्फ जॉनी और शहजाद सैफी के खिलाफ सबूतों को संदेह से परे साबित किया है. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी आरोपियों ने आपराधिक साजिश को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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क्या है इस क्राइम की कहानी?
38 वर्षीय सुनीता की हत्या 29 अक्टूबर 2018 की सुबह लगभग आठ बजे हुई, जब हमलावरों ने उसे गोली मार दी. प्रारंभिक जांच में उसके पति मंजीत और उसकी प्रेमिका एंजल गुप्ता सहित अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मंजीत ने अपनी पत्नी के प्रेम संबंधों का विरोध करने पर उसे खत्म करने के लिए एंजल के सौतेले पिता राजीव गुप्ता के साथ मिलकर साजिश रची थी.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, राजीव के चालक दीपक ने अपने मामा धर्मेंद्र की सहायता से दो शार्पशूटर, विशाल और सैफी, को सुपारी दी. इन दोनों ने इलाके की निगरानी करने के बाद सुनीता पर तीन गोलियां चलाईं. राजीव गुप्ता के खिलाफ मामले की सुनवाई मार्च में अलग कर दी गई, क्योंकि वह एक समय तक भगौड़ा अपराधी घोषित रहा.
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अदालत द्वारा 28 अप्रैल को जारी किए गए 129 पृष्ठ के आदेश में न्यायाधीश ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने सभी आरोपियों के खिलाफ अपना मामला सफलतापूर्वक स्थापित किया है. न्यायाधीश ने अभियोजन के दो गवाहों की गवाही और सुनीता की डायरी से प्राप्त साक्ष्यों का विश्लेषण किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मंजीत और एंजेल के बीच विवाहेतर संबंध थे, और सुनीता इस रिश्ते पर लगातार आपत्ति जता रही थी.
मंजीत के साथ करवाचौथ मनाना चाहती थी एंजल
अदालत के फैसले में उल्लेख किया गया कि मंजीत और सुनीता के बीच तलाक की कोई संभावना नहीं थी. एंजल ने 27 अक्टूबर 2018 को मंजीत के साथ करवाचौथ मनाने की इच्छा व्यक्त की थी. दोनों आरोपियों, एंजल और मंजीत, ने अपने संबंधों को बनाए रखने और अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए हत्या की योजना बनाई.
अदालत में मोबाइल लोकेशन, बैंक लेनदेन, CCTV फुटेज, एफएसएल रिपोर्ट, बरामद हथियार, वाहन और संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर आपराधिक साजिश को सिद्ध किया गया. शहजाद सैफी और विशाल के पास से मिले हथियारों को हत्या में उपयोग किया गया.
सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया है. इसके अतिरिक्त, सैफी, विशाल और धर्मेंद्र को शस्त्र अधिनियम के तहत भी दोषी माना गया है. अदालत ने सजा पर बहस के लिए मामले को बुधवार के लिए निर्धारित किया है.
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