पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा। पालनार पोटाकेबिन में गर्ल्स हॉस्टल की छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में पुलिस ने सीआरपीएफ के दो जवानों की शिनाख्त कर ली है। पुलिस ने मामले में सीआरपीएफ के एक जवान को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार किए गए जवान का नाम शमीम अहमद है। वहीं शिनाख्त किया गया दूसरा जवान नीरज काण्डवाल है। आरोपी घटना के दूसरे दिन से छुट्टी में बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि तकरीबन आधा दर्जन जवानों ने घटना को अंजाम दिया था जिनकी शिनाख्त होना अभी बाकी है।

पालनार घटना के बाद सीआरपीएफ ने बैठाई थी जांच, जवान निलंबित
  IGP, CRPF डी.एस. चौहान के नोटिस में आते ही केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की उच्च स्तरीय अदालती जांच दल गठित। एआईजी दंतेवाड़ा डी.एन.लाल  के नेतृत्व में  2 अधीनस्थ कामांडेंट, महिला प्रतिनिधी उषाकिरण सहायक कामन्डेंट और  2 सह सदस्य के रूप में स्थानीय शिक्षिका दोप्रदी सिन्हा और यशोदा राणा थे।  जांच दल ने संबंधित छात्राओं को केम्प के संभावित जवानों के फोटो दिखाए गए, जहाँ दो जवानों की पहचान की गयी। उक्त जांच दल के द्वारा प्राथमिकी पुष्टि पश्चात दोनों जवानों को तत्काल निलंबित कर दिया गया तथा गिरफ्तारी और आपराधिक मुकदमा चलाने के लिए सीआरपीएफ द्वारा उनमें से एक अभियुक्त शामिम अहमद को पुलिस को सौंप दिया गया था। वहीं दूसरा नीरज कंडवाल को जल्द ही गिरफ्तार करने की नियमित कार्यवाही की जा रही है ।

क्या था मामला

मामला दंतेवाड़ा जिला के ग्राम पालनार का है, यहां स्थित 500 सीटर कन्या छात्रावास में प्रशासन द्वारा अपनी पीठ थपथपाने के उद्देश्य से सीआरपीएफ जवानों को राखी बांधने का कार्यक्रम रखवाया गया। 31 जुलाई को यह कार्यक्रम रखा गया। इसके लिए तकरीबन 100 जवानों को गर्ल्स हॉस्टल ले जाया गया। जहां मौजूद 500 छात्राओं को इन जवानों को राखी बांधने कहा गया।

छात्राएं जवानों को राखी बांध रही थीं। इसी दौरान कुछ छात्राएं वाशरूम चली गई, छात्राओं को टायलेट की ओर जाते देख कुछ जवान भी उनके पीछे-पीछे चल दिए। और बदनीयती से छात्राओं के साथ छेड़-छाड़ करने लगे। छात्राओं ने इसका विरोध भी किया जिसके बाद हवश की आग में अंधे हो चुके जवानों ने उन्हें धमकाया और तलाशी के नाम पर उनके साथ मनमानी करते रहे।

इधर बाहर जवान लड़कियों के साथ मनमानी कर रहे थे वहीं कुछ जवान जबरदस्ती टायलेट के अंदर भी घुस गए और वहां भी उन्होंने अंदर मौजूद छात्रा के साथ मनमानी किया। वहशी जवान अपनी मनमानी करने के बाद वहां से चले गए। बाद में लड़कियों ने वार्डन को इस पूरी घटना की जानकारी दी।

वार्डन ने घटना की जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। दूसरे दिन एसपी, कलेक्टर ने वार्डन और लड़कियों को सीआरपीएफ कैम्प बुलाया, दो लड़कियों के साथ वार्डन कैम्प पहुंची लेकिन आरोप है कि वहां दोनों अधिकारियों ने लड़कियों और वार्डन को इस बात की जानकारी किसी को देने से मना किया और उन्हें धमकी भी दी।

जवानों के ऊपर लगते रहे हैं आरोप

फिलहाल इस मामले में पुलिस ने अज्ञात जवानों के नाम पर छेड़-छाड़ की ही एफआईआर दर्ज किया है। लेकिन यह पहला मामला नहीं है जब जवानों के ऊपर इस तरह के आरोप लगे हैं। इसके पहले भी जवानों के ऊपर आदिवासी महिलाओं के साथ रेप और गैंग रेप के आरोप लगते रहे हैं। यहां तक कि कई बार रेप के बाद हत्या तक के आरोप लगे हैं। ऐसे ही मामलों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संज्ञान ले चुका है और राज्य के गृहसचिव से जवाब तलब भी किया गया था।