दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को 400 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने और केजरीवाल सरकार की योजना को बिना परेशानी जनता तक पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए बुधवार को बिजली मंत्री आतिशी ने राजस्व विभाग और बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. आतिशी ने कहा, ‘केजरीवाल सरकार दिल्ली में समाज के हर वर्ग की बेहतरी की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी दिशा में 2018 में सिख दंगा पीड़ितों को 400 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की योजना मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में शुरू की गई थी.’

आप मंत्री ने बिजली विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों को आपसी तालमेल से काम करने के निर्देश दिए ताकि सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को बिजली सब्सिडी का लाभ बिना किसी परेशानी के मिले. उन्होंने कहा कि अगर किसी वजह से योजना का लाभ लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाता है तो 2018 में योजना की अधिसूचना से लेकर योजना में लाभार्थियों के सर्टिफिकेशन के बीच 400 यूनिट तक के बिल माफ किए जाएं. इसके अलावा, विशेष कैंप लगाकर सब्सिडी योजना से वंचित पीड़ितों के सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया भी जल्द पूरी की जाए.

यूनिक ID कार्ड दें

आतिशी ने अधिकारियों से चर्चा करने के बाद आदेश दिया कि सिख दंगा पीड़ितों को यूनिक ID कार्ड जारी किया जाए, जिससे उन्हें भविष्य में मुफ्त बिजली समेत अन्य योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सके. बैठक के बाद X पर पोस्ट करते हुए आतिशी ने लिखा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली में 1984 सिख नरसंहार पीड़ितों को 400 यूनिट मुफ्त बिजली उपलब्ध कराती है. बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी सिख दंगा पीड़ितों को इसका लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए.

विलंबित मुआवजे पर ब्याज दें: हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया कि वह 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को विलंबित मुआवजे पर 6 सप्ताह के भीतर ब्याज का भुगतान करे. 8 अप्रैल, 2016 को 1 लाख रुपये का अनुग्रह मुआवजा जारी किया गया था और 16 जनवरी, 2006 को जब पुनर्वास नीति की घोषणा की गई थी, के बीच की अवधि के लिए 10% की वार्षिक दर से ब्याज दें.