मस्तूरी. सरकार आज विकास के लाख दावे करती है. लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही होती है. कुछ ऐसी ही सच्चाई है प्रदेश के बिलासपुर जिले के मस्तूरी क्षेत्र के खोरसी के शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कल की,जिसने स्वच्छ भारत अभियान समेत सरकार के लाखों दावों की पोल खोल करके रख दी है.

आलम ये है कि स्कूल में न तो शौचालय है, न ही पर्याप्त शिक्षक, जिससे बच्चों को भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है. बता दें कि स्कूल में शौचालय नहीं होने के कारण बच्चों को बाहर ही शौच के लिए जाना पड़ता है.

स्कूल मे पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि शौचालय नहीं होने से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, मजबूरी में आसपास के खुले खेत और आस पास में ही शौच के लिए जाना पड़ता है. इतना ही नहीं स्कूल में शिक्षक नहीं होने से भी छात्रों को काफी दिक्कत हो रही है. छात्रों ने बताया कि प्रधान पाठक पिछले 6 माह से स्कूल नहीं आ रहे हैं.

छात्रों ने आगे बताया कि स्कूल के बाहर न तो बाउंड्री वाल है. और तो और स्कूल में बिजली भी नहीं है. इसके अलावा उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि स्कूल में बैठने के लिए घर से ही बोरा लेकर आना पड़ता है. वहीं स्कूल में शिक्षकों के बैठने के लिए भी कोई अलग से कमरा नहीं है. ज्ञात हो कि इस स्कूल में कुल 111 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं. जिन्हें केवल दो कमरों में ही ठूस-ठूस कर भर दिया जाता है. इसके अलावा स्कूल के पास बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं,जो बरसात के दिनों में पूरी तरह भर जाते हैं. इसके चलते भी बड़ा हादसा होने का भी डर बना रहता है.

इधर शिक्षकों का कहना है कि सरपंच से कई बार शिकायत कर चुके हैं,लेकिन अब तक हमारी बातों को नहीं सुना गया है.शिक्षक ठाकुरेश राम का कहना है कि स्कूल में प्रधान पाठक  के नहीं होने से स्कूल में पढ़ाई नही हो पा रही हैं.

प्रधान पाठक 6 माह से नहीं आ रहे हैं.वहीं भवन का कमरा इतना छोटा हैं कि दो कमरों में बच्चों को पढ़ाना पड़ता हैं और बिजली की व्यवस्था भी नहीं है. साथ ही बारिश के दिनों में स्कूल तक पहुंचने के लिए भी सही रास्ते नहीं है.

मामले में जब हमने मस्तूरी जनपद की सी ई ओ मोनिका वर्मा मिश्रा से बात की तो उनका कहना है कि मस्तूरी ब्लॉक के कुछ  स्कूलो में शौचालय  नहीं हैं उनका सूची तैयार कर कलेक्टर के पास फाइल पेंडिंग हैं.अनुमोदन  होने के बाद जल्द ही काम शुरु करवा दिया जाएगा.