एक गांव ऐसा भी है जहां कभी दूध नहीं बेचा जाता. ग्रामीणों का मानना है कि यदि दूध बेचा दिया, तो कुछ न कुछ अनिष्ट झेलना पड़ता है. इस वजह से लोग दूध बेचने से डरते हैं. हालांकि ग्रामीणों ने अपनी कमाई के लिए दूध की जगह घी को व्यवसाय का जरिया बनाया है. पूरा गांव में दूध न बेचने की प्रथा पिछले 50 साल से चली आ रही है.

इस गांव में दूध की जगह घी बेचा जाता है इस वजह से गांव में 50-50 किलो तक देशी घी मिल जाएगा, वहीं हरसुख बाबा के प्रति समर्पित होने के कारण गांव वाले दूध और घी में किसी भी तरह की कोई मिलावट नहीं करते हैं, जबकि यहां के घी की शुद्धता को देखते हुए दूर- दूर से लोग घी और मक्खन लेने गांव में आते हैं. Read More – नन्हीं परी को संभालते नजर आई Rubina Dilaik, एक्ट्रेस ने बॉडीकॉन हाई-स्लिट ड्रेस में दिखाया अपना फिगर …

दरअसल ये गांव एमपी के भिंड जिले के अटेर विधानसभा क्षेत्र में है. कमई गांव की पूरी आबादी करीबन तीन हजार के आसपास है. यादव जाति के गांव में कभी दूध नहीं बेचा जाता. ग्रामीणों के मुताबिक, दूध बेचने पर गांव के देवता हरसुख बाबा उनको सजा देते हैं. इस वजह से ग्रमीण दूध बेचने से डरते है, हालांकि गांव के लोग दूध की जगह देशी घी बेचते है, ग्रामीण सोनू यादव बताते हैं बाबा की बात नहीं मानी, उसकी भैंस दूध देना बंद कर देती है या फिर उसके थनों से खून आने लगता है. Read More – जल्द वेब सीरीज में नजर आएंगे किंग खान के बेटे Aryan Khan, शाहरुख के जीवन पर बनेगी सीरीज …

गांव में बना है विशाल मंदिर

कमई गांव में हरसुख बाबा का एक बड़ा विशाल मंदिर बना है. इस मंदिर पर आसपास के गांव के लोगों की आस्था जुड़ी है. इन्ही बाबा के कहने पर गांव के लोगों ने दूध बेचना बंद किया है. इस मंदिर पर साल में एक बार विशाल भीड़ होती है और दूर दूर से लोग दर्शन करने आते हैं.