रायपुर। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘गोधन न्याय योजना‘ के तहत गोबर विक्रेता पशुपालकों को गोबर बिक्री की राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में ऑनलाईन किया जाएगा। राज्य शासन ने गोधन न्यान योजना के क्रियान्वयन के लिए कम्प्यूटरीकृत प्रबंधन प्रणाली संबंधी दिशा निर्देश जारी किया गया है। जिसके अनुसार गोबर की खरीदी एवं वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री का सम्पूर्ण विवरण ऑनलाईन पोर्टल के माध्यम से संधारण किया जाएगा।
वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए चिन्हांकित स्व-सहायता समूहों द्वारा गौठान समिति से गोबर प्राप्त कर उसका वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगा। तैयार वर्मी कम्पोस्ट का गुणवत्ता परीक्षण कर उसकी पैकेजिंग की जाएगी और गौठान समिति को वापस भेजा जाएगा। कोई भी व्यक्ति गौठान में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट को सहकारी समिति के माध्यम से खरीद सकता है। ऐसे किसान जो सहकारी समिति के सदस्य है, वर्मी कम्पोस्ट को वस्तु ऋण के रूप में ले सकते हैं एवं नियमानुसार उस पर अनुदान का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। कोई भी शासकीय एवं अशासकीय संस्था अग्रिम भुगतान करते हुए वर्मी कम्पोस्ट क्रय कर सकता है। अन्य कोई भी व्यक्ति सरकारी समिति के माध्यम से निर्धारित दरों पर अग्रिम भुगतान कर वर्मी कम्पोस्ट खरीद सकता है।
राज्य के सहकारी बैंकों द्वारा सभी गौठानों में गोबर की खरीदी वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री आदि का ब्यौरा रखा जाएगा। गोबर विक्रेता का खाता किसी भी बैंक में हो सकता है। गौठान समिति का नजदीकी जिला, राज्य सहकारी बैंक की शाखा में खाता खोला जाना अनिवार्य होगा। गौठान समिति के खाते से गोबर विक्रेता को गोबर की राशि हस्तांतरित की जाएगी। सहकारी समिति के खाते से गौठान समिति को राशि हस्तांतरित होगा, जोकि वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री की हिस्सेदारी होगी। इसमें परिवहन व्यय, पैकेजिंग व लाभांश आदि शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिक विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन से 25 जुलाई को राज्य के सभी संभागायुक्तों, सभी कलेक्टरों, समस्त कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, समस्त आयुक्त नगर पालिक निगम एवं सभी मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों को दिशा निर्देश की कॉपी आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा गया है।