शशिकांत डिक्सेना, कटघोरा। पाली क्षेत्र के पूर्व सरपंचों के खिलाफ हुई एकपक्षीय रिकवरी कार्रवाई के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी जारी है. पाली के शिव मंदिर चौक पर पिछले 8 दिनों से धरना चल रहा है. हड़ताल के बावजूद आंदोलनकारियों का सुध लेने प्रशासन की ओर से कोई नहीं पहुंचा है. ऐसा कहना पाली-तानाखार के विधायक तुलेश्वर मरकाम का है. उन्होंने कहा कि अगर प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं देती है तो वे आने वाले दिनों में जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव करते हुए उग्र आंदोलन करेंगे. विधायक तुलेश्वर ने कहा कि इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी.

विधायक तुलेश्वर मरकाम ने बताया कि मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के तहत 2015-16 में स्वीकृत निर्माण कार्यों को लेकर पूर्व सरपंचों के विरुद्ध तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पाली द्वारा रिकव्हरी कार्रवाई करते हुए सरपंचों पर अमानत में खयानत के तहत मामला दर्ज कराया था. प्रकरण दर्ज होने के बाद तत्कालीन एसडीएम राजस्व कटघोरा के द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. जिसमें पूर्व सरपंचों के किए गए कार्यों का कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र मय माप पुस्तिका सहित आवश्यक दस्तावेज न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटघोरा के आदेशों और निर्देशों का पालन करते हुए जवाब प्रस्तुत किया गया था.

लेकिन तात्कालिक अनुविभागीय अधिकारी द्वारा उक्त प्रकरण में प्रस्तुत जवाब को नजर अंदाज कर मानसिक प्रताड़ित करने की नियत से राशि जमा करो या जेल जाओ मौखिक रूप से कहते हुए एकपक्षीय कार्रवाई किया गया है. जिस संबंध में उच्च न्यायालय से पूर्व सरपंचों की ओर से स्थगन प्राप्त किया गया था. जिस पर आर्थिक तंगी के चलते उक्त प्रकरण में नियमित उपस्थित नहीं होने के कारण निरस्थ किया गया था. चुंकि प्रकरण में ग्राम पंचायत पूर्व सरपंच ही अकेला दोषी नहीं हो सकता क्योंकि किसी भी निर्माण कार्य के गुणवत्ता की जांच करने के लिए इंजीनियर होता है.

विधायक मरकाम ने कहा कि इंजीनियर के गुणवत्ता परीक्षण करने के बाद एसडीओ द्वारा सत्यापन किया जाता है, तब जाकर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा राशि जारी किया जाता है. उसके बाद सरपंच, सचिव राशि आहरण करते हैं. पंचायत तो सिर्फ निर्माण एजेंसी होता है. अकेले सरपंच को संबंधित निर्माण कार्य में पार्टी बनाना राजनीतिक षड्यंत्र के सिवाय और कुछ नहीं है. प्रभावित सरपंचों के द्वारा संबंधित समस्त कर्मचारियों को भी शामिल करने के लिए मांग और उचित कार्रवाई करने की मांग की है.