रोहित कश्यप, मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के नगर पंचायत जरहागांव में शराब प्रेमियों को अब शराब नहीं, बल्कि शराब दुकान तक पहुंचने वाली सड़क डराने लगी है। यहां देशी और विदेशी शराब दुकान तक जाने का रास्ता लोगों की जान का खतरा बन चुका है। यह दुकान बिलासपुर-मुंगेली मुख्य मार्ग से करीब 2 किलोमीटर अंदर स्थित है, लेकिन वहां तक पहुंचने का रास्ता इतना जर्जर और खतरनाक है कि न केवल वाहनों से जाना मुश्किल हो गया है, बल्कि पैदल चलना भी जोखिम भरा हो गया है।

बारिश में हालात हो जाते हैं खराब

बरसात के मौसम में स्थिति बेहद खराब हो जाती है। गड्ढों में पानी भर जाता है, कीचड़ फैल जाती है और रोजाना कोई न कोई वहां गिरकर घायल हो रहा है। ऐसा लगता है मानो शराब खरीदने नहीं, किसी खदान या जंग के मैदान में जा रहे हों।

स्थानीय लोगों का फूटा गुस्सा

स्थानीय लोग और शराब प्रेमियों का कहना है कि सरकार हमसे हर दिन लाखों रुपये ले रही है, लेकिन एक रास्ता नहीं बना सकते? यह सड़क नहीं, सज़ा है। अब शराब से ज़्यादा डर सड़क से लगता है। जितना खर्च बोतल पर नहीं, उससे ज़्यादा अब मरहम-पट्टी पर हो रहा है।

अपर कलेक्टर ने ये कहा

अपर कलेक्टर निष्ठा पांडेय तिवारी ने कहा है कि इस मामले की जानकारी ली जाएगी और संबंधित विभाग को निर्देशित किया जाएगा, ताकि जल्द से जल्द समस्या का हल निकल सके।

सवाल ये उठता है

जब सरकार को शराब बिक्री से हर दिन लाखों-करोड़ों का राजस्व मिल रहा है, तो क्या जनता को एक साफ, पक्की और सुरक्षित सड़क देना इतना मुश्किल है? या फिर ‘कमाई जरूरी, सुविधा मजबूरी’ वाला फार्मूला ही चल रहा है? जरहागांव की टूटी सड़कें अब सिर्फ लोगों की कमर नहीं तोड़ रही, सरकार की संवेदनहीनता भी उजागर कर रही हैं। अब जनता चाहती है कि शराब का रास्ता नहीं, इंसानियत की प्राथमिकता।