Gold ETFs Investment: गोल्ड ETFs (Exchange Traded Funds) ने अगस्त 2025 में निवेशकों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल की. अस्थिर ग्लोबल इकॉनमी और मंदी की आशंकाओं के बीच सोना एक बार फिर निवेशकों का सुरक्षित पनाहगाह (Safe Haven) बनकर उभरा. सिर्फ एक महीने में ₹2,189 करोड़ का निवेश दर्ज हुआ, जो जुलाई के मुकाबले 74% अधिक है.

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Gold ETFs Investment

Gold ETFs Investment

अगस्त का गोल्ड ETF बूम (Gold ETFs Investment)

अगस्त 2025: निवेश ₹2,189 करोड़
जुलाई 2025: निवेश ₹1,256 करोड़
महीने-दर-महीने 74% की छलांग
अगस्त 2024: निवेश ₹1,611 करोड़
साल-दर-साल आधार पर 36% की बढ़त

यह स्पष्ट है कि निवेशकों का झुकाव पारंपरिक साधनों से हटकर सोने की ओर तेजी से बढ़ रहा है.

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क्यों बढ़ी सोने की चमक? (Gold ETFs Investment)

  • वैश्विक अनिश्चितता: शेयर बाजार की गिरावट और मंदी का डर.
  • महंगाई का दबाव: मुद्रास्फीति के खिलाफ सोना बचाव का साधन माना जाता है.
  • मुद्रा अस्थिरता: डॉलर-रुपया उतार-चढ़ाव ने सोने को और आकर्षक बनाया.
  • राजनीतिक तनाव: रूस-यूक्रेन युद्ध और व्यापार युद्ध ने निवेशकों को सतर्क किया.
  • केंद्रीय बैंकों की खरीद: सोने की मांग लगातार बढ़ रही है.

AUM और रिटर्न की तस्वीर (Gold ETFs Investment)

अगस्त 2025 में AUM (Assets Under Management) बढ़कर ₹72,495 करोड़ हुआ. अगस्त 2024 में AUM था सिर्फ ₹37,390 करोड़. सालाना आधार पर 94% की वृद्धि.

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रिटर्न परफॉर्मेंस (FY25)

  • औसत रिटर्न: 41.61%
  • Quantum Gold Fund ETF: 42.34%
  • Tata Gold ETF: 41.05%
  • पिछले एक साल का औसत रिटर्न: लगभग 49.51%

ICICI Prudential Gold ETF सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाला फंड रहा.

निवेशकों के लिए संकेत (Gold ETFs Investment)

जनवरी से अगस्त 2025 तक गोल्ड ETFs में कुल निवेश: ₹5,812 करोड़ पूरे कैलेंडर वर्ष में अब तक निवेश: ₹11,466 करोड़

विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते निवेश और मजबूत रिटर्न यह साबित करते हैं कि सोना अब सिर्फ पारंपरिक निवेश नहीं, बल्कि पोर्टफोलियो बैलेंसिंग और रिस्क मैनेजमेंट का अहम साधन बन चुका है.

विश्लेषकों का कहना है कि गोल्ड ETFs का यह रुझान आगे भी जारी रह सकता है. हालांकि, इसका सीधा असर आर्थिक नीतियों, ब्याज दरों, डॉलर की मजबूती और सोने की वैश्विक कीमतों पर निर्भर करेगा.

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