त्योहारों की रौनक ढलते ही सोने-चांदी के बाजार में भी ठंडक आ गई है. इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 31 अक्टूबर को 10 ग्राम सोना 1,20,770 रुपय का था, जो 7 नवंबर तक 1,20,100 रुपय पर आ गया यानी 670 रुपय की गिरावट दर्ज की गई है.

यह लगातार तीसरा सप्ताह है जब सोना नीचे आया है. 17 अक्टूबर को सोना 1,29,584 रुपय प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था. यानी तीन हफ्तों में करीब 9,400 रुपय की गिरावट दर्ज की गई है. साथ ही चांदी भी 31 अक्टूबर को 1,49,125 रुपय प्रति किलो थी, जो 7 नवंबर तक 1,48,275 रुपय प्रति किलो पर आ गई, चांजी में लगभग 850 रुपय की गिरावट दर्ज की गई है.
गिरावट की तीन बड़ी वजह – मांग में ठहराव और ग्लोबल राहत
- सीजनल डिमांड का खत्म होना: दीवाली और शादी सीजन के बाद देश में सोने की पारंपरिक खरीदारी धीमी पड़ गई है. मार्केट में डिमांड की कमी ने दामों को नीचे खींचा है.
- ग्लोबल तनाव में राहत: सोना और चांदी को हमेशा ‘सेफ हेवन’ माना गया है. लेकिन हाल के हफ्तों में वैश्विक तनाव कम होने से निवेशकों ने सुरक्षित एसेट से मुनाफा निकालना शुरू किया.
- प्रॉफिट बुकिंग और ओवरबॉट जोन: तेजी के बाद अब ट्रेडर्स ने प्रॉफिट टेकिंग शुरू कर दी है. टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे RSI ने दिखाया कि गोल्ड ओवरबॉट ज़ोन में पहुंच चुका था – नतीजा, बिकवाली और प्राइस करेक्शन.
3 सालभर का प्रदर्शन – अब भी भारी मुनाफे में सोना और चांदी
हालिया गिरावट के बावजूद, 2024 में सोने ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है. इस साल की शुरुआत में 24 कैरेट सोना 76,162 रुपय प्रति 10 ग्राम था, जो अब 1,20,100 रुपय तक पहुंच गया – यानी 43,938 रुपय की बढ़त. चांदी की बात करें तो 86,017 रुपय प्रति किलो से बढ़कर 1,48,275 रुपय पर पहुंच गई – यानी 62,258 रुपय की छलांग. लॉन्ग टर्म में दोनों मेटल्स अब भी मजबूत हैं.
क्यों अलग-अलग शहरों में अलग होता है सोने का भाव?
ट्रांसपोर्टेशन और सिक्योरिटी कॉस्ट: सोना एक फिजिकल कमोडिटी है, जिसे एयर कार्गो या सिक्योर ट्रक से ले जाना पड़ता है. ट्रांसपोर्टेशन, इंश्योरेंस और सिक्योरिटी का खर्च हर शहर में अलग होता है.
डिमांड का अनुपात: साउथ इंडिया में भारत की कुल गोल्ड डिमांड का 40% हिस्सा है. यहां बड़े पैमाने पर थोक खरीद होने से भाव थोड़ा सस्ता रहता है.
लोकल ज्वेलरी एसोसिएशन का प्रभाव: हर राज्य या शहर में स्थानीय ज्वेलरी एसोसिएशन दाम तय करती है, जैसे तमिलनाडु ज्वेलर्स एंड डायमंड ट्रेडर्स एसोसिएशन.
स्टॉक की खरीद कीमत: जिन ज्वेलर्स ने स्टॉक सस्ते में खरीदा हो, वे कम रेट पर बेच सकते हैं, जबकि लेट-एंट्री वाले ज्वेलर्स को ऊंचे दाम पर बेचना पड़ता है.
सोना खरीदते समय रखें दो जरूरी सावधानियां
हमेशा BIS हॉलमार्क गोल्ड ही खरीदें
सुनिश्चित करें कि सोने पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का सर्टिफिकेशन हो. इससे पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है. हॉलमार्क नंबर जैसे “AZ4524” यह सत्यापित करते हैं कि धातु असली और शुद्ध है.
कीमत और वजन क्रॉस-चेक करें
खरीदने से पहले सोने की दर IBJA या अन्य विश्वसनीय सोर्स से जांचें. कभी भी सिर्फ ज्वेलर के बताए रेट पर भरोसा न करें. याद रखें – 24K, 22K और 18K के दाम में फर्क होता है.
आगे क्या? – गिरावट अल्पकालिक या नई दिशा का संकेत?
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दीवाली के बाद की यह गिरावट अल्पकालिक है. जैसे-जैसे शादी का सीजन दोबारा सक्रिय होगा और अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर कमजोर होगा, वैसे ही सोने-चांदी की कीमतों में रिकवरी की संभावना है. कई विश्लेषक यह भी मानते हैं कि अगर ग्लोबल ब्याज दरों में कमी आती है, तो सोना फिर ₹1,25,000 प्रति 10 ग्राम के स्तर की ओर लौट सकता है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक

