रायपुर। छत्तीसगढ़ समेत देशभर के करीब 1 लाख लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले एक गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर पृथीपाल सिंह सेठी को क्राइम ब्रांच ने मुंबई से गिरफ्तार कर लिया. छत्तीसगढ़ की महासमुंद पुलिस को उसकी तलाश करीब 3 साल से थी. इसे पकड़ने के लिए कई बार जगह-जगह छापा मारा गया था, लेकिन आरोपी डॉक्टर पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ पा रहा था.

मुंबई क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर नितिन ठाकरे ने कहा कि हमें उसके बारे में जानकारी मिली थी कि वो नाम बदलकर मुंबई में ही रह रहा है. उसे भिवंडी बाईपास रोड के पास से गिरफ्तार कर लिया गया. उसे छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपा जाएगा.

आरोपी गोल्ड मेडलिस्ट डॉक्टर पृथीपाल सिंह सेठी अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी का शिकार बना चुका है और कुल 1000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा की ठगी उसने की है. आरोपी ने टोगो रिटेल मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड नाम की चिटफंड कंपनी बना रखी थी. इसने 1996 से भिलाई से अपना कारोबार शुरू किया था और बाद में इसकी ब्रांच पूरे छत्तीसगढ़ में खुल गईं. कंपनी ने 2014 में कई लोगों को अपनी ठगी का शिकार बनाया और जब पैसे देने की बारी आती थी, तब कंपनी के लोग बोरिया-बिस्तर समेटकर उस जगह से फरार हो जाते थे.

आरोपी ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद में भी कई लोगों से ठगी की थी. महासमुंद के एसपी ने बताया कि आज शाम तक उसे छत्तीसगढ़ लाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, पीड़ितों ने कंपनी की संपत्ति कुर्क करने की मांग को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 2 साल पहले भी छत्तीसगढ़ पुलिस पृथीपाल सिंह की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र गई थी, लेकिन उस वक्त वो गिरफ्त में नहीं आ सका था.

पृथीपाल सिंह सेठी की कंपनी को सेबी ने किया था ब्लैकलिस्ट

पृथीपाल सिंह नाम बदलकर अलग-अलग शहरों में रहता था, ताकि पुलिस को चकमा दे सके. उसकी कंपनी टोगो रिटेल मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को 2015 में ब्लैकलिस्ट कर दिया था. भिलाई-दुर्ग, राजनांदगांव और बालोद जिले में ही कंपनी के करीब 10 हजार निवेशक थे.

पृथीपाल ने लोगों से मिले रुपए को 7 अलग-अलग कंपनियों में इन्वेस्ट किया था. उन्होंने निवेशकों को कहा था कि उनके पैसे 6 साल में दोगुने हो जाएंगे. निवेशकों को अलग-अलग कंपनी के नाम पर बांड भी दिए गए थे. इन सभी कंपनियों के निदेशक पृथीपाल सिंह ही थे.

देशभर में फैला था ठगी का जाल

झारखंड में सीबीआई ने दो महीने पहले टोगो रिटेल मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड के खिलाफ मामला दर्ज किया था. झारखंड के पाकुड़ से भी पृथीपाल अपना कारोबार चला रहा था. रांची सीबीआई की इकोनॉमिक ओफेंस विंग ने पृथीपाल समेत 200 से अधिक लोगों को नामजद आरोपी बनाया था. कंपनी की ब्रांच पश्चिम बंगाल और असम में भी थी. असम में पृथीपाल सिंह बेसिन इंटरनेशल के नाम से अपना कारोबार चला रहा था.

पृथीपाल को मई 2016 में एक अन्य मामले में सीबीआई ने गुवाहाटी से गिरफ्तार किया था, लेकिन वहां उसे जमानत मिल गई.